प्रस्तुत पुस्तक ऐसे पाठकों के लिए बहुत ही ज़्यादा उपयोगी साबित होगा जो इस्लाम के सही मतलब को समझना चाहते हैं । कुछ मुट्ठी भर मुसलमान इस्लाम का सही मायने न जान पाने के कारण पथ भ्रमित हो जाते हैं। वे इस्लाम का गलत और बेतरतीब इस्तेमाल करने लगते हैं, वे इस्लाम का इस्तेमाल राजनीतिक, आक्रामक एवं निहित स्वार्थ के लिए करते हैं, जो सरासर गलत है।
लेखक ने इस पुस्तक के माध्यम से इस्लाम का सही अर्थ पाठकों तक पहुँचाया है। इस्लाम क्या है? मुसलमान कौन है? इस्लाम द्वारा स्थापित मान्यताएं एवं मानदंड क्या क्या हैं, इन सबका समीचीन, तार्किक और प्रभावपूर्ण वर्णन किया गया है।
इस पुस्तक के निर्माण के क्रम में जुटाए गए तथ्य, आंकड़े, विवरण, सूचनाएं तथा उद्धरण आदि विभिन्न इतिहासकारों, दार्शनिकों, चिंतकों, एवं विदेशी यात्रियों की पुस्तकों, लेखों, कविताओं, श्लोकों, स्मरण–जनित उद्गारों तथा यात्रा वृतांतों से लिए गए हैं।
पुस्तक के लेखक श्री शम्भू प्रसाद सिंह का जन्म 20 December, 1948 को बिहार प्रान्त के पूर्वी चम्पारण जिले के मच्छरगावां ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम राजेश्वर प्रसाद सिंह एवं माता का ना रहता देवी है। इन्होने अंग्रेजी एवं हिंदी में कई पुस्तकों की रचना की है। अंग्रेजी में ‘Nalanda to World Civilisation’, ‘Environment through Religion’ एवं ‘Cricket Eclipse over Indian Sub continent’ और हिंदी में -‘विश्व सभ्यता को नालंदा की देन’, ‘पर्यावरण संरक्षण एवं धर्म’, ‘नालंदा से सोमनाथ तक’, ‘कुमारिल का आत्मदाह’ एवं ‘झारखण्ड के 500 वर्ष’ आदि इनकी प्रमुख रचनायें हैं।
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