प्रस्तुत पुस्तक एक साधारण सी महिला के असाधारण कहानी की दास्तान है। इस पुस्तक की केंद्रीय पात्र विमला लेखक की माँ हैं । विमला सिर्फ लेखक की माँ को ही नहीं, बल्कि उन सारे भारतीय महिलाओं को समर्पित है जो अपने संघर्ष भरे जीवन में साहस और कर्तव्यपरायणता लाती है और इस तरह एक देवी की पदवी प्राप्त करती है।
वस्तुतः इस पुस्तक के केंद्रीय पात्र विमला के जरिये एक साधारण भारतीय महिला के 4 प्रमुख स्वरूपों–बेटी, पत्नी, बहू और माँ का चित्रण किया गया है, जो किसी भी महिला को देवी की गरिमा प्रदान करता है। इसके साथ ही इसमें महिला के अन्य स्वरूपों बहन और सहेली का भी चित्रण है।
पूरी दुनिया में किसी भी साधारण स्त्री के असाधारण गुणों को उजागर करती यह पुस्तक हिंदी में एक नई विधा ‘फिल्म–पटकथा लेखन’ पर आधारित है जो इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। इसमें कहानी, पटकथा एवं संवाद के साथ ही स्थितिपरक मौलिक लोक गीत भी संकलित है।
वास्तव में आज के दौर में तनाव से जूझते एक युवा एवं पुराने दौर की एक साधारण-सी स्त्री उसकी माँ बिमला का हर दौर में अदम्य साहस के साथ अपने बेटे को प्रेरित कर उसे उसकी मंजिल तक पहुँचाने एवं उसको तनाव से मुक्ति दिलाने की अनूठी दास्तान है देवी विमला– एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी।
प्रस्तुत पुस्तक के लेखक श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी मूलतः script writer एवं गीतकार हैं। शौकिया तौर पर ये गायन भी करते हैं। ये हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली की एक नई विधा ‘फिल्म–पटकथा लेखन’ का सूत्रपात करने को कृत संकल्प हैं।
पर्यटन प्रशासन एवं प्रबंधन में UGC–Net उत्तीर्ण श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी ने CSJM कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर से tourism management में MBA तथा लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से Mass Communication में स्नातकोत्तर की उपाधियाँ अर्जित की हैं।
श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी द्वारा हिंदी में लिखित धार्मिक पर्यटन पर आधारित पुस्तक “शक्तिपीठ” अत्यंत प्रशंसित, चर्चित एवं लोकप्रिय रही है।
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