-
Sale!
एक रचनाकार की रचना में उसके जीवन का वह सच मौजूद होता है जिससे वह कहीं न कहीं दो-चार होता रहता है। प्रस्तुत काव्य संकलन 'अदृश्य सत्य' भी कवयित्री वन्दना गिरिधर जी के जीवन में प्राप्त हुए अनुभवों का एक निचोड़ है। जिस प्रकार जीवन जीने के लिए हवा, पानी, खाना तथा कपड़ों की आवश्यकता होना एक ऐसी सच्चाई है जो हमें प्रत्यक्ष दिखायी देती है, उसी प्रकार एक 'अदृश्य सत्य' भी है, जिसका सामना हमें दिन-प्रतिदिन के जीवन में करना पड़ता है जो कि हमें दिखाई नहीं पड़ता है, और वह सत्य है जीवन में आने वाली परीक्षाओं और कसौटियों पर खरा उतरखा। यह | 'अदृश्य सत्य' प्रत्येक मानव के जीवन की सच्चाई है जिसे इस पुस्तक के माध्यम से बन्दना जी ने अपने पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास किया है। वन्दना गिरिधर जन्म: एक मध्यमवर्गीय परिवार में दिनांक 11 जुलाई 1971 को 'गुप्ता कॉलोनी' दिल्ली में हुआ। शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में B.A. (Hons.) की डिग्री प्राप्त की I दिल्ली विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त कर माता पिता द्वारा विवाह कर देने के पश्चात् एक संपूर्ण गृहिणी के रूप में परिवार की सभी मान-मर्यादाओं का पालन करते हुए जीवन व्यतीत किया। हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं पर आपका विशेष अधिकार है। आपने अपने जीवनकाल में Cinevision Arts के साथ दो फिल्मों में (1) करम: ये है तेरा करम, (2) | 'यु फील मई लव' में एक गीतकार के तौर पर कार्य किया। दहेज और बाल-विवाह के प्रति काफी कड़ा रुख रखती हैं एवं ऐसा करने वाले लोगों से भी घृणा करती हैं। सामाजिक कार्यों को करने में आपकी विशेष रुचि है और आपको संगीत सुनना व गीत लेखन अति प्रिय है। हरा-भरा वातावरण आपको आकर्षित करता है।
-
Sale!
मन की बात जब भावनाओं की चाशनी में सराबोर होकर शब्दों के रूप में लेखनी के माध्यम से कागज पर अंकित होती है तब कविता का जन्म होता है। इस संदर्भ में एक सच्चाई यह है कि हर कविता कुछ न कुछ अच्छी बात ही कहती है, जिसमें समाहित भोगे हुए पलों का बिंब पाठक के मन को सुकून देता है, कुछ नया करने की प्रेरणा देता है। यूँ तो कविताएँ कवि के मन की उपज ही होती हैं परंतु अक्सर यह पाठकों के जीवन से जुड़ी किसी न किसी याद को ताजा करती हैं। कवि मन के विचारों की अभिव्यक्ति जब पाठकों के मन को द्रवित करते हुए उनको कुछ सोचने-विचारने को विवश कर दे तब कहा जा सकता है कि काव्य सृजन सफलता की कसौटी पर खरा उतरा है।
वन्दना गिरधर- जन्म: 11 जुलाई 1971 को दिल्ली में। शिक्षाः बी.ए. (ऑनर्स) हिंदी में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री प्राप्त की। दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री प्राप्त कर माता-पिता द्वारा विवाह करने के पश्चात् एक संपूर्ण गृहिणी के रूप में परिवार की सभी मान-मर्यादा को ध्यान में रखते हुए जीवन व्यतीत किया। हिंदी व इंगलिश भाषाओं पर आपका विशेष अधिकार है।
-
Sale!
While 20 years back, couples fully trusted and booked their honeymoons through travel agents, who hardly travelled and hardly knew anything about the destinations, today, that has literally turned seems to know everything about destinations, as well as how to book almost everything online. This is especially true for young couples, who want to be in full control of their trip, and in fact crave for the sense of power and gratification that designing their entire Honeymoon gives them. This new found power has actually led to a lot of couples making a ton of mistakes while planning their special once in a lifetime trip. The funny thing is, that on Facebook and other social media, you only get to see smiles laughter and stunning moments. The successes are all up there, but just behind them lie the many failures and mistakes. It is only when clients come back to discuss their next trip, that we get to know about their honeymoon disasters. This set me thinking, and finally led to my writing this book about 20 disastrous mistakes that couples make while planning their honeymoon. The aim of this book is to take you on a fun ride, and give you a solid manual and guide to make your honeymoon perfect in every detail. If you want your honeymoon to be made in heaven, you really need to read this book.
-
Sale!
Those Powerful Moustaches, Jhumkas and Poor Me is a Satire on human behaviours and relationships catering to all ages. It's a humorous, analytical presentation that answer many secrets of moody yet relevant human psyche.. I hope you enjoy reading it as much as I enjoyed writing it.. Ms. Shakti Dwesar Sharma is the Ex Managing Trustee and Chairperson of Swayam Shakti Foundation that works for youth turning blind in India. Being the Founder and visually challenged herself, she, during her tenure (2004-2015) has empowered many such youths, with the sole mission of bringing them back to the main stream society, pulling them out of their dark shells and horizons. In the capacity of a responsible citizen, she pens down her thoughts on issues of national importance like skill development, employment generation, and poverty eradication. Through her philosophical insights, she counsels and motivates all around her to be better human beings and understand the core issues of life. She is also the author of 'Tearless Eyes Fearless Heads! published in 2003.
-
Sale!
"अंतर्मन का दर्पण" श्रीमती आरती मित्तल की नवीनतम काव्य रचनाओं का संग्रह है जिसमें उन्होंने अपने अंतर्मन के विविध मनोभावों को निश्छल अभिव्यक्ति प्रदान की है। इन कविताओं में कवयित्री महोदया ने समय-समय पर अनुभूत मनोभावों को सरल शब्दों में पिरोकर हमारे सम्मुख प्रस्तुत किया है। ये अभिव्यक्तियाँ नारी के उस कोमल मन से उपजी हैं जिनसे गुजरे बिना किसी भी भारतीय नारी की जीवन यात्रा पूर्ण नहीं होती। इन कविताओं में जहाँ बचपन में भाइयों के प्यार और दुलार की यादों को समेटा गया है तो वहीं बड़े होने पर दिल में किसी के आ बसने की आहट तथा उससे जडे सपनों को वाणी प्रदान की गई है। फिर किसी के साथ उम्र भर का रिश्ता जड़ने का क्षण, बाबुल के घर से विदाई की घड़ियाँ तथा पालने में नए मेहमान के आगमन की खुशी जैसी विविध नारी सहज भावनाओं को कवयित्री ने अत्यंत सुंदर अभिव्यक्ति प्रदान की है। इसके साथ ही उनकी कलम ईश्वर के अस्तित्व जैसे रहस्यवादी विषय की ओर भी बढ़ी है। भाषा और भावनाओं की सरलता का आलम यह है कि पाठक उनसे पूर्ण तल्लीनता स्थापित कर कह उठता है कि ये तो मेरे ही मन के भाव हैं। निश्चय ही यह काव्य संग्रह आज के यांत्रिक जीवन में तपती गर्मी में बारिश की फुहारों का सा अहसास प्रदान करेगा। आरती मित्तल - जन्म: 30 मार्च 1984 शिक्षा-मैंने बी.ए. (ऑनर्स) अंग्रेजी, दिल्ली विश्वविद्यालय से की है व एक कुशल गृहिणी हैं। मैं एक संयुक्त परिवार में पैदा हई तथा जीवन को प्रभ की कृपा समझकर जिया है और हर राह में उसे अपने साथ पया है। माता-पित से प्राप्त हर संस्कार को शिरोधार्य कर, मैंने जीवन के सफर में अपना कदम बढ़ाया है। विवाह के उपरांत जीवन-साथी के सहयोग से मैं अपने सपनों को रंग देने में सफल हुई हूँ।
-
Sale!
The Novel ’EXPECTATION’ (PRATEEKSHA) has been selected by National Book Trust, India for Sharjah International Book Fair, UAE, 2013. The heroine of the novel Sita never surrenders to the adversities, never compromises to wrong ethical values but, takes them up as the challenge faces them boldly, and becomes victorious. As a social novel, its story is very inspiring, interesting, and indulging. Raj kumari Sharma M.A. (Hindi) M.A. (Pol. Science) B. Ed. born on 7th September 1930 Jamki Chima Distt. Sialkot (Now in Pakistan). After the INDO-PAK partition, she worked first as a school teacher in the legendary land of AALAH —UDHAL, VIRBHUMI MAHOBA, and later in the Department of Education, Madhya Pradesh. For the first ten years, she served as a teacher and later for 23 years, she had been the Principal of School.
-
Sale!
कुछ बातें मन को छू जाती हैं तो कुछ मन को उदास कर जाती हैं। जो बातें मन को छूने वाली होती हैं वही तो होता है 'मुस्कुराता सच', जो मनुष्य को कुछ सोचने को विवश करता है, कुछ विशेष कर पाने की प्रेरणा देता है। इस पुस्तक में आप जीवन के अनगिनत सच से रू-ब-रू होते हैं। पुस्तक के प्रत्येक शीर्षक में आबद्ध पंक्तियाँ जहाँ मन में खुशियों के फूल खिलाती हैं वहीं भटकते हुए मन को चंचल लहरों के मझधार में डूबने से बचाने का हरसंभव प्रयत्ल करती हैं। जीवन का हर पल आपसे सवाल करता है, आप खामोशी की चादर ओढ़े रहते हैं। उन पलों में इस पुस्तक की अनमोल बातें आपके हर अनुत्तरित सवाल का सटीक जवाब देंगी। वन्दना गिरिधर जन्म: एक मध्यमवर्गीय परिवार में दिनांक 11 जुलाई 1971 को 'गुप्ता कॉलोनी' दिल्ली में हुआ। शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में B.A. (Hons.) की डिग्री प्राप्त की I दिल्ली विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त कर माता पिता द्वारा विवाह कर देने के | पश्चात् एक संपूर्ण गृहिणी के रूप में परिवार की सभी मान-मर्यादाओं का पालन करते हुए जीवन व्यतीत किया। हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं पर आपका विशेष अधिकार है। आपने अपने जीवनकाल में Cinevision Arts के साथ दो फिल्मों में (1) करम: ये है तेरा करम, (2) | 'यु फील मई लव' में एक गीतकार के तौर पर कार्य किया। दहेज और बाल-विवाह के प्रति काफी कड़ा रुख रखती हैं एवं ऐसा करने वाले लोगों से भी घृणा करती हैं। सामाजिक कार्यों को करने में आपकी विशेष रुचि है और आपको संगीत सुनना व गीत लेखन अति प्रिय है। हरा-भरा वातावरण आपको आकर्षित करता है।
-
Sale!
This book is the story of a person, who is presently on the top of politics in India. He was born in a very simple family, a mediocre in studies, having a very common personality but the uncommon in him was his diligence, will power, discipline, brotherhood and his desire to accomplish something special by following his doctrine of Sabka Sath Sabka Vikas. (Everybody’s company will help in everybody’s growth) This book contains all such information about Modiji which is not only authentic but also inspirational for the public. The main purpose of writing this book is not only to understand the life of Modiji but also to adopt the qualities possessed by him especially his Simplicity, Determination, Boldness and Brotherhood. The purpose of this book is also to publicise these qualities in the society.
Sh. Dinesh Verma, founder and director of Gullybaba publications Pvt. Ltd. (Estd. 2000) which has the credit of publishing more than 1000 books by now. He has earned good name as a renowned writer and a social worker. Most of the books written by him were selected by NBT, Govt. of India for International Book Fairs. His most discussed book “Don’t die with a book inside you” is coming shortly before the book lovers. In 2012, Mr. Dinesh Verma was conferred with the “Avantika Rashtriya Sewa Samman” award. In 2013 he was invited by the then President Sh. Pranab Mukherjee and in 2018 he was invited by Shri Giriraj Singh, the then Health Minister, Govt. of India. Sh. Dinesh Verma ji is a versatile genius. He is a well known writer, batch centre and certified practitioner, strategist and publishing coach. Sh. Apporv Shah is also a unique personality. He was basically engaged in his professional line of printing. But soon he realized his instinct of creative writing and entered this line also. He also prepared an apple shape book but did not stop here. He created a record of preparing the smallest book of India. After accomplishing all these tasks, he prepared a book in the shape of ‘cut out’ of Shri Modiji which was very much liked by the book lovers and proved to be superhit. At this structure, he came into the contact of Sh. Dinesh Verma ji and had the chance of writing another book on Sh. Modiji.
-
Sale!
The present book covers all the essentials of traditional as well as the modern-day yoga. The chapter Pranayama has 4 yogic breathing process while the chapter on healing meditation process contains 5 meditation techniques. The chapters are interlinked in such a way so that the book itself becomes a compendium of knowledge for its readers — explaining every query, answering all the questions, opening every aspect of yoga, and underlining its every aspect. The book contains almost all the contemporary topics of Yoga along with its modern offshoots, such as Nature cure Food Therapy to handle lifestyle-related disorders, such as Stress, Depression, Anger, B.P. (low/high), Thyroid, Back pain, Arthritis, Diabetes, Hypertension, Gastro, Constipation, Asthma, Obesity, Cervical, Joint pain, Sinus, Infertility, Obesity, Acidity, Drowsiness, Lack of Concentration, IQ level, etc. This book will certainly help its readers attain good health and enlightenment through the practice of Yoga and meditation. Acharya Krishna Deo is a renowned spiritual master, poet, writer and an ambassador of peace & harmony. His vision of healthy, happy and peaceful society has united people from all walks of life. He has made his presence felt through the service projects and the programs/courses of World Welfare Mission ‘Aanandmay Jeevan—The Art of Blissful Life!’. The Life Journey of Acharya Ji Born in 1976 in India, Acharya Krishna Deo started his spiritual journey in 1995 and in a quest to search the science of divinity and experience infinite energy first hand, he visited almost all big and small religious Ashrams and holy places. Acharya Ji established World Welfare Mission in 2005, to spread Health, Happiness, Peace & Welfare around the world.
-
Sale!
हमारे तीर्थस्थल एवं पौराणिक देवी-देवताओं की मान्यताएँ इस देश की सांस्कृतिक धरोहर एवं समृद्ध परंपराओं की परिचायक हैं। 'शक्तिपीठ' हमारी इन्हीं परंपराओं एवं मान्यताओं का अभिन्न अंग हैं। मन की शांति एवं शक्ति प्राप्त करने के सिद्ध स्थल हैं-'शक्तिपीठ'। शक्तिपीठ वे पवित्र स्थल हैं जो त्रिदेवियों- महासरस्वती, महालक्ष्मी एवं महाकाली की सम्मिलित शक्ति अर्थात् देवी शक्ति (देवी सती का दिव्य स्वरूप) के अधिष्ठान के रूप में जाने जाते हैं। वास्तव में चमत्कारिक माहात्म्य से परिपूर्ण शक्तिपीठ देवी शक्ति के परम-प्रिय निवास-स्थल हैं। प्रारंभ से ही इन स्थलों की संख्या और भौगोलिक स्थिति के बारे में बहुत सारे मत-मतांतर हैं, जो इनकी गूढ़ता के ही परिचायक हैं, तथापि इनकी सिद्धता के बारे में किसी को भी कोई संदेह नहीं है। मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध इन शक्तिपीठ स्थलों की संख्या विभिन्न स्रोतों, सूत्रों एवं लोगों द्वारा 108, 64, 52 और 51 बताई जाती है, लेकिन प्रस्तुत पुस्तक में महापीठपुराण के अनुसार कुल 52 शक्तिपीठों के बारे में शोधात्मक जानकारी धार्मिक पर्यटन की भावना के अनुरूप दी गई है, जिसका एकमात्र लक्ष्य लोगों को इन स्थलों के बारे में बताना है, न कि अंतिम मत प्रदान करना। गीतकार, स्क्रिप्टराइटर एवं 'शक्तिपीठ' पुस्तक के लेखक श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी ने सी.एस.जे.एम. कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर से पर्यटन में एम0बी0ए0 किया। मैनेजमेंट के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से मास-कम्युनिकेशन में भी मास्टर्स की उपाधि प्राप्त की है। पूर्व में कानपुर (उत्तर प्रदेश) में देश-विदेश के एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में बतौर कंटेंट राइटर 7 वर्षों से भी अधिक समय तक कार्यरत रहे श्री त्रिपाठी जी वर्तमान में कानपुर (उत्तर प्रदेश) में ही 2 विश्वप्रसिद्ध | चंद्रेश विमला त्रिपाठी शैक्षणिक संस्थानों (कानपुर-मुंबई) द्वारा निर्मित हिंदी की पहली ब्लॉगिंग एवं सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट में कंटेट राइटर के पद पर नियुक्त हैं। श्री चंद्रेश जी एक सिद्ध-हस्त लेखक हैं। इनके द्वारा पर्यटन पर लिखी गई एक अन्य पुस्तक मैनेजिंग सेल्स एंड प्रमोशन इन टूरिज्म (एम0 टी0 एम07) विश्वविद्यालयीय छात्रों में अत्यधिक लोकप्रिय है तथा देश-विदेश में ख्याति अर्जित कर चुकी है। माता-पिता में ईश्वर का स्वरूप देखने वाले श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी की विचारधारा आधुनिकता के उस खोखलेपन पर तीखा प्रहार करती है, जिसमें वृद्धावस्था में संतान होते हुए भी असहाय की भाँति माता-पिता को वृद्धाश्रमों की शरण लेनी पड़ती है। आज के आधुनिक समाज को श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी जैसे प्रेरक एवं मार्गदर्शक लेखकों की नितांत आवश्यकता है।
-
Sale!
हीलिंग टच: समय की पुकार यह अद्भुत पुस्तक आप सभी के अंतर्मन में समायी जबर्दस्त शक्ति को न केवल उजागर करने में सहायक है, बल्कि उसे प्राप्त करने की भी चाबी साबित होगी। यह उत्कृष्ट पुस्तक दुनियाभर के लाखों-करोड़ों लोगों को अंतर्मन की अविश्वसनीय शक्ति के उपयोग के बारे में न केवल जानकारी उपलब्ध कराती है, बल्कि लोगों को इस शक्ति का उपयोग अपने हित में करने की शिक्षा भी प्रदान करती है। डॉ. पुनीत मेहता ने इस पुस्तक में वैज्ञानिक शोधों एवं आध्यात्मिक ज्ञान के साथ यह स्पष्ट किया है कि आपके अंतर्मन के विचार ही आपके प्रत्येक कार्य को प्रभावित करते हैं। सच्ची घटनाओं के संकलन के साथ बनाई गई यह पुस्तक आपको जीवन में सफलता पाने के लिए मन को कैसे चमत्कारिक तरीके से उपयोग करें, इसके लिए कई रहस्यों को न केवल बताएगी, बल्कि उनका उपयोग करना भी सिखाती है। इस पुस्तक के माध्यम से आप अपने अंतर्मन की शक्ति के द्वारा जीवन की विभिन्न समस्याओं से अद्भुत तरीके से छुटकारा पा सकते हैं, जैसे-- - स्वास्थ्य में सुधार करने के साथ ही विभिन्न शारीरिक रोगों को ठीक कर सकते हैं। - स्वयं के सामाजिक स्तर का दायरा न केवल बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपने संबंधियों, सहकर्मियों और मित्रों के साथ मधुर संबंध भी कायम कर सकते हैं। - संसार में व्याप्त बुराइयों के साथ ही स्वयं में व्याप्त भय को भी अलविदा कह सकते हैं। - सदा यौवन से परिपूर्ण रहने का भी रहस्य जान सकते हैं। यह पुस्तक आपको मानसिक शांति की ओर ले जाने वाली चमत्कारिक शक्ति के साथ आपके जीवन को सफल बना देगी। हीलिंग टच के क्षेत्र में डॉ. पुनीत मेहता एक ख्याति प्राप्त नाम है। आपने सन् 2004 में एक्यूपंचर और मैग्नेट थेरेपी में डिप्लोमा किया और चिकित्सा जगत में एक नया अध्याय रचा, जिसे हीलिंग टच (स्पर्श चिकित्सा) नाम दिया। आपने विश्व के देशों सिंगापुर, मलेशिया, दुबई, मस्कट, बहरीन, नेपाल सहित अपने देश भारत में इस चिकित्सा क्षेत्र में 2500 सेमिनार आयोजित किए हैं। संगीत की ख्याति प्राप्त कंपनी टी-सीरिज की ओर से आपको वॉयस ऑफ हिमाचल अवार्ड प्राप्त हो चुका है। आपने संगीत साधना से स्वयं को स्वस्थ्य बनाने और मात्र हाथों के स्पर्श (हीलिंग टच) से रोगों को नष्ट करने का जो कार्य शुरू किया है उससे लगभग 3000 असाध्य रोगियों का स्वस्थ होना प्रमाणित हो चुका है। चिकित्सा की इस यात्रा में आप निरंतर गतिशील हैं।
-
Sale!
यू तो यह 'फिक्शन बुक' एक साधारण-सी भारतीय महिला विमला की किसी भी औरत या स्त्री के विभिन्न स्वरूपों जैसे बेटी, पत्नी, बहू, मां, बहन, सहेली आदि में सच्चाई एवं ईमानदारी के साथ निभाई गई एक यथार्थपरक एवं कल्पनामय कहानी है, ...एक साधारण भारतीय लेकिन विकट परिस्थितियों में भी अपने आत्म-सम्मान पर अडिग रहकर हर महिला की असाधारण कहानी परिस्थिति का डटकर सामना करने के अदम्य साहस के कारण विमला न केवल भारत वरन् पूरे विश्व की किसी भी महिला के आदर्श चरित्र एवं साहस की प्रतीकात्मक प्रेरणा बन सहज ही असाधारण पात्र हो जाती है। वास्तव में आज के दौर में तनाव से जूझते एक युवा एवं पुराने दौर की एक साधारण सी स्त्री उसकी माँ विमला का हर दर के परिप्रेक्ष्य में अदम्य साहस के साथ अपने बेटे को प्रेरित कर उसे उसकी मंजिल तक पहुंचाने एवं उसको तनाव से मुक्ति दिलाने की अनूठी दास्तान है-"देवी विमला. ...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी" हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली की एक नई विधा 'फिल्म-पटकथा लेखन' का सूत्रपात कर इसे विकसित करने को कृत-संकल्प तथा बतौर स्वतंत्र लेखक स्वयं को स्थापित करने हेतु प्रयासरत युवा लेखक श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी मूलतः एक मौलिक स्क्रिप्टराइटर एवं गीतकार हैं, जिनकी शौकिया एक अलग गायन शैली भी हैं। पर्यटन प्रशासन एवं प्रबंधन में यू.जी.सी.-नेट उत्तीर्ण श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी ने सी.एस.जे.एम. कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर से एम.भी.ए, इन टूरिज्म मैनेजमेंट तथा लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनक से मॉस्टर्स इन मास कम्युनिकेशन में स्नातकोत्तर की उपाधियाँ भी प्राप्त की हैं।
-
Sale!
उपन्यासः 'पतंग संग डोर' की कहानी दो युवा दिलों के उड़ती पतंगों के समूह के माध्यम से हुये अटूट मिलन की बड़ी ही अनूठी एवं मार्मिक अद्भुत कहानी है मानो सात जन्मों जैसा मिलन। इसकी शुरूआत आपके दिल में प्यार के अंकुर खिला देगी और कहानी का अन्त आपकी आँखें भर देगा। मुझे उम्मीद है पाठक 'पतंग संग डोर' को बार-बार पढ़ना चाहेगा।
पुस्तक के लेखक ओमप्रकाश चौहान का जन्म 10 जनवरी, 1952 को दिल्ली में हुआ था। इनके पिता का नाम (स्व.) श्री रेवती लाल चौहान एवं माता का नाम (स्व.) श्रीमती भगवती देवी है। इन्होंने सीनियर सुपरिटेंडेंट, अंतर्राष्ट्रीय विमान प्राधिकरण, भारत सरकार, आई.जी.आई., दिल्ली के पद पर रहते हुए अवकाश प्राप्त किया। साहित्य-सृजन, अभिनय एवं नाटक निर्देशन में इनकी गहन रुचि रही है। नाटक 'मैली हवेली' का इन्होंने दो बार (1981 एवं 1982) मंचन किया। सन् 1982 से 1995 तक ये नेशनल एयरपोर्ट अथॉर्टी ऑफ इंडिया की हिन्दी पत्रिका 'चेतना' की संपादकीय परिषद के सदस्य रहे। उस पत्रिका में इनकी कई लघु कहानियाँ और कविताएँ प्रकाशित हुईं। सन् 1982 में लेखक ने रिलिना फिल्म्स की फिल्म 'बाँहों के घेरे में' के लिए स्क्रीन प्ले एवं डायलॉग लिखे। सन् 1983-84 में साहित्य कला परिषद् द्वारा आयोजित अखिल भारतीय नाटक लेखन प्रतियोगिता में भी इनकी भागीदारी रही। साथ ही, अन्य दो नाटक 'मैला आदमी' एवं कॉप उठा संसार' भी सर्वत्र चर्चित व प्रशंसित हुए।
-
Sale!
• Tips on how to make homework stress-free! • Finding the most effective way to involve parents and children in the homework. • Practical ideas for helping children to complete homework assignments successfully. Homework is important because it can improve children's thinking and memory. It can help them to develop positive study skills and habits that will serve them well throughout their lives. It can encourage them to use time well, learn independently, and take responsibility for their work. But helping children with their homework benefits the family as well. It can, for example, be a way for families to learn more about what their children are learning in school and an opportunity for them to communicate with their children, teachers, and principal as well. Anita Verma is an accomplished author, who had written books on child development. She is somebody who is well-appreciated for her counseling sessions. She is highly inspired by her younger daughter. Kids always remind her of a Quote by Sam, "Don’t watch the clock; Do what it does. Keep going."
-
Sale!
Ayurveda Tips on concentration, focus, & memory power) is the perfect resource! This book features everything you need to improve your concentration, memory power, health, and peace of mind with yoga, and includes additional information Everything you Need To make Yoga an Integral Part of Your Health and Well-being (For Students & Everyone)
-
Sale!
Starting from elementary school, Children should learn beginning concepts in algebra, geometry, measurement, statistics, and logic. In addition, they should learn how to solve problems by applying knowledge of math to new situations. They should learn to think of themselves as mathematicians—able to reason mathematically and to communicate mathematical ideas by talking and writing. We hope that you will find this series a valuable tool for developing and reinforcing your child's interest and knowledge— and that you and your family may develop appreciation for "Why such knowledge is important?". Anita Verma is an accomplished author, who had written books on child development. She is somebody who is well-appreciated for her counseling sessions. She is highly inspired by her younger daughter. Kids always remind her of a Quote by Sam, "Don’t watch the clock; Do what it does. Keep going."
-
Sale!
The book 'Pre-School Child' will help you in preparing your child to learn and to get ready for school effectively. It provides suggestions for how to regulate your child's TV viewing and to choose good TV programmes & videos and how to choose suitable child care centre/s. It is for all those families and care givers who want to help their pre-school children to learn and to develop the skills necessary for success in school and in life.
Dinesh Verma, the author of this book and director of Gullybaba Publishing House Pvt. Ltd., is a prominent author and social worker. He has authored various books like Vriksh Lagaye: Grahon ko apne Anukool Banaye, Diabetes Jaye Bhul, Rahe Cool, Make your Child a Responsible Citizen, Don’t Die with a Book Inside You, Secrets to Give Your Kids Great Science Education, Pre-School Child, Parents I need You, Now I am Adolescent, etc. in which most of the books have been selected by NBT, GOI for International Book Fairs. In 2012, he was awarded with 'Avantika Rashtriya Sewa Samman'. Further, in 2013, he was honoured with two awards—'Avantika Shiromani Samman' and 'Shabd Sadhak Samman'. Recently, he is honoured with 'Atal Bihari Vajpayee Avantika National Award' and 'Cascader award' by FICCI Cascade.
-
Sale!
The Book 'Make Your Child A Responsible Citizen' provides information about the values and skills that will help your child develop strong character and become a good citizen. It suggests activities that you and your school-aged children can do to put those values to work in their daily lives. It contains some valuable tips for working with teachers and schools to ensure that you act together to promote the basic values that you want your child to learn and imbibe.
Dinesh Verma, the author of this book and director of Gullybaba Publishing House Pvt. Ltd., is a prominent author and social worker. He has authored various books like Vriksh Lagayein: Grahon ko apne Anukool Banayein, Diabetes Jayen Bhooll, Rahen Cool, Don’t Die with a Book Inside You(in Press), Secrets to Give Your Kids Great Science Education, Pre-School Child, Parents I need You, Now I am Adolescent, etc. in which most of the books have been selected by NBT, GOI for International Book Fairs. In 2012, he was awarded with 'Avantika Rashtriya Sewa Samman'. Further, in 2013, he was honoured with two awards—'Avantika Shiromani Samman' and 'Shabd Sadhak Samman'. Recently, he is honoured with 'Atal Bihari Vajpayee Avantika National Award' and 'Cascader award' by FICCI Cascade.
-
Sale!
Sure-shot Ways to make your adolescent excel in school and life.
Ever Wondered How Will You Feel If Your Adolescent Shows Excellence In School And Subsequently In Life? Then keep reading!
In simple words, we may define adolescence as the period in the middle path of saying goodbye to childhood and stepping into adulthood's ladders. In this phase, a person's cognitive, psychological, and social characteristics frequently change from childish traits to adulthood.
Are you the father of an adolescent and worried about the following?How will my child transform from the age of 10 to 14?
How should I communicate effectively with my child?
How much liberty should I give to my child?
How should I help my child grow his confidence?
How should I help my child find good friends and fight detrimental peer pressure?
What should I do to keep away the media's destructive impact on my child?
How can I participate in the child's school activities?
How should I help my child become a successful reader?
How should I keep my child motivated to learn and do well, both in and out of school?
What should I do to help my child develop appreciable values and learn to distinguish right from wrong?
What should I do if my child is facing a severe problem?
This book by Dinesh Verma takes care of all your problems described above and provides you the tools and techniques for the best possible parenting of your adolescent child.
Adolescence is a time of rapid and dramatic change. Parents can see these changes in the way teenagers behave, express their feelings, and in the way they interact with their families.,This period also remains a big challenge for adolescents as they require adjustments to changes in the self, family, and peer group.
The author of the book is an authority on child psychology and has authored several books on child development, some of which were selected by Govt. of India for display in various International Book Fairs in multiple countries.
This book helps you better understand the critical issues of adolescent development and how your role as a parent can make an essential difference in how teens develop the ability to become good citizens of society. -
Sale!
Long-term investments are a must to realize our financial goals and fulfil our dreams for our children's higher education and marriages. Many people commit financial blunders which lead to financial turmoil in their lives. I have come across many investors who have either not planned for their financial milestones, or have deviated from it. You would find yourself closely connected to the facts, stories and ideas mentioned in this book. In a quest to help our clients realise their dreams, I have created this book. If every investor reads this, and sticks to the roadmap mentioned in this book, they all will achieve their financial milestones.
Sameer Kaila is a Capital Market Expert with over 21 years of experience. To make his experience count for the benefit of families (either salaried or entrepreneurs), bankers, retirees, parents looking for investments for children, he established DhanCreators in the year in 2016, with the sole objective of creating roadmap and helping them achieve their Financial Milestones. Before starting his own venture, DhanCreators, Mr Sameer worked with Banks, Broking Firm & Wealth Management Firm. He is serving over 500+ satisfied clients.