Body Mind Spirit Crystals & Healing

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    एक रचनाकार की रचना में उसके जीवन का वह सच मौजूद होता है जिससे वह कहीं न कहीं दो-चार होता रहता है। प्रस्तुत काव्य संकलन 'अदृश्य सत्य' भी कवयित्री वन्दना गिरिधर जी के जीवन में प्राप्त हुए अनुभवों का एक निचोड़ है। जिस प्रकार जीवन जीने के लिए हवा, पानी, खाना तथा कपड़ों की आवश्यकता होना एक ऐसी सच्चाई है जो हमें प्रत्यक्ष दिखायी देती है, उसी प्रकार एक 'अदृश्य सत्य' भी है, जिसका सामना हमें दिन-प्रतिदिन के जीवन में करना पड़ता है जो कि हमें दिखाई नहीं पड़ता है, और वह सत्य है जीवन में आने वाली परीक्षाओं और कसौटियों पर खरा उतरखा। यह | 'अदृश्य सत्य' प्रत्येक मानव के जीवन की सच्चाई है जिसे इस पुस्तक के माध्यम से बन्दना जी ने अपने पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास किया है। वन्दना गिरिधर जन्मएक मध्यमवर्गीय परिवार में दिनांक 11 जुलाई 1971 को 'गुप्ता कॉलोनी' दिल्ली में हुआ। शिक्षादिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में B.A. (Hons.) की डिग्री प्राप्त की I दिल्ली विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त कर माता पिता द्वारा विवाह कर देने के पश्चात् एक संपूर्ण गृहिणी के रूप में परिवार की सभी मान-मर्यादाओं का पालन करते हुए जीवन व्यतीत किया। हिंदी अंग्रेजी भाषाओं पर आपका विशेष अधिकार है। आपने अपने जीवनकाल में Cinevision Arts के साथ दो फिल्मों में (1) करम: ये है तेरा करम, (2) | 'यु फील मई लव' में एक गीतकार के तौर पर कार्य किया। दहेज और बाल-विवाह के प्रति काफी कड़ा रुख रखती हैं एवं ऐसा करने वाले लोगों से भी घृणा करती हैं। सामाजिक कार्यों को करने में आपकी विशेष रुचि है और आपको संगीत सुनना व गीत लेखन अति प्रिय है। हरा-भरा वातावरण आपको आकर्षित करता है।
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    मन की बात जब भावनाओं की चाशनी में सराबोर होकर शब्दों के रूप में लेखनी के माध्यम से कागज पर अंकित होती है तब कविता का जन्म होता है। इस संदर्भ में एक सच्चाई यह है कि हर कविता कुछ न कुछ अच्छी बात ही कहती है, जिसमें समाहित भोगे हुए पलों का बिंब पाठक के मन को सुकून देता है, कुछ नया करने की प्रेरणा देता है। यूँ तो कविताएँ कवि के मन की उपज ही होती हैं परंतु अक्सर यह पाठकों के जीवन से जुड़ी किसी न किसी याद को ताजा करती हैं। कवि मन के विचारों की अभिव्यक्ति जब पाठकों के मन को द्रवित करते हुए उनको कुछ सोचने-विचारने को विवश कर दे तब कहा जा सकता है कि काव्य सृजन सफलता की कसौटी पर खरा उतरा है।

    वन्दना गिरधर- जन्म: 11 जुलाई 1971 को दिल्ली में। शिक्षाः बी.ए. (ऑनर्स) हिंदी में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री प्राप्त की। दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री प्राप्त कर माता-पिता द्वारा विवाह करने के पश्चात् एक संपूर्ण गृहिणी के रूप में परिवार की सभी मान-मर्यादा को ध्यान में रखते हुए जीवन व्यतीत किया। हिंदी व इंगलिश भाषाओं पर आपका विशेष अधिकार है।

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    The Novel ’EXPECTATION’ (PRATEEKSHA) has been selected by National Book Trust, India for Sharjah International Book Fair, UAE, 2013. The heroine of the novel Sita never surrenders to the adversities, never compromises to wrong ethical values but, takes them up as the challenge faces them boldly, and becomes victorious. As a social novel, its story is very inspiring, interesting, and indulging. Raj kumari Sharma M.A. (Hindi) M.A. (Pol. Science) B. Ed. born on 7th September 1930 Jamki Chima Distt. Sialkot (Now in Pakistan). After the INDO-PAK partition, she worked first as a school teacher in the legendary land of AALAH —UDHAL, VIRBHUMI MAHOBA, and later in the Department of Education, Madhya Pradesh. For the first ten years, she served as a teacher and later for 23 years, she had been the Principal of School.
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    कुछ बातें मन को छू जाती हैं तो कुछ मन को उदास कर जाती हैं। जो बातें मन को छूने वाली होती हैं वही तो होता है 'मुस्कुराता सच', जो मनुष्य को कुछ सोचने को विवश करता है, कुछ विशेष कर पाने की प्रेरणा देता है। इस पुस्तक में आप जीवन के अनगिनत सच से रू-ब-रू होते हैं। पुस्तक के प्रत्येक शीर्षक में आबद्ध पंक्तियाँ जहाँ मन में खुशियों के फूल खिलाती हैं वहीं भटकते हुए मन को चंचल लहरों के मझधार में डूबने से बचाने का हरसंभव प्रयत्ल करती हैं। जीवन का हर पल आपसे सवाल करता है, आप खामोशी की चादर ओढ़े रहते हैं। उन पलों में इस पुस्तक की अनमोल बातें आपके हर अनुत्तरित सवाल का सटीक जवाब देंगी। वन्दना गिरिधर जन्म: एक मध्यमवर्गीय परिवार में दिनांक 11 जुलाई 1971 को 'गुप्ता कॉलोनी' दिल्ली में हुआ। शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में B.A. (Hons.) की डिग्री प्राप्त की I दिल्ली विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त कर माता पिता द्वारा विवाह कर देने के | पश्चात् एक संपूर्ण गृहिणी के रूप में परिवार की सभी मान-मर्यादाओं का पालन करते हुए जीवन व्यतीत किया। हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं पर आपका विशेष अधिकार है। आपने अपने जीवनकाल में Cinevision Arts के साथ दो फिल्मों में (1) करम: ये है तेरा करम, (2) | 'यु फील मई लव' में एक गीतकार के तौर पर कार्य किया। दहेज और बाल-विवाह के प्रति काफी कड़ा रुख रखती हैं एवं ऐसा करने वाले लोगों से भी घृणा करती हैं। सामाजिक कार्यों को करने में आपकी विशेष रुचि है और आपको संगीत सुनना व गीत लेखन अति प्रिय है। हरा-भरा वातावरण आपको आकर्षित करता है।
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    This book is the story of a person, who is presently on the top of politics in India. He was born in a very simple family, a mediocre in studies, having a very common personality but the uncommon in him was his diligence, will power, discipline, brotherhood and his desire to accomplish something special by following his doctrine of Sabka Sath Sabka Vikas. (Everybody’s company will help in everybody’s growth) This book contains all such information about Modiji which is not only authentic but also inspirational for the public. The main purpose of writing this book is not only to understand the life of Modiji but also to adopt the qualities possessed by him especially his Simplicity, Determination, Boldness and Brotherhood. The purpose of this book is also to publicise these qualities in the society.

    Sh. Dinesh Verma, founder and director of Gullybaba publications Pvt. Ltd. (Estd. 2000) which has the credit of publishing more than 1000 books by now. He has earned good name as a renowned writer and a social worker. Most of the books written by him were selected by NBT, Govt. of India for International Book Fairs. His most discussed book “Don’t die with a book inside you” is coming shortly before the book lovers. In 2012, Mr. Dinesh Verma was conferred with the “Avantika Rashtriya Sewa Samman” award. In 2013 he was invited by the then President Sh. Pranab Mukherjee and in 2018 he was invited by Shri Giriraj Singh, the then Health Minister, Govt. of India. Sh. Dinesh Verma ji is a versatile genius. He is a well known writer, batch centre and certified practitioner, strategist and publishing coach. Sh. Apporv Shah is also a unique personality. He was basically engaged in his professional line of printing. But soon he realized his instinct of creative writing and entered this line also. He also prepared an apple shape book but did not stop here. He created a record of preparing the smallest book of India. After accomplishing all these tasks, he prepared a book in the shape of ‘cut out’ of Shri Modiji which was very much liked by the book lovers and proved to be superhit. At this structure, he came into the contact of Sh. Dinesh Verma ji and had the chance of writing another book on Sh. Modiji.

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    The present book covers all the essentials of traditional as well as the modern-day yoga. The chapter Pranayama has 4 yogic breathing process while the chapter on healing meditation process contains 5 meditation techniques. The chapters are interlinked in such a way so that the book itself becomes a compendium of knowledge for its readers — explaining every query, answering all the questions, opening every aspect of yoga, and underlining its every aspect. The book contains almost all the contemporary topics of Yoga along with its modern offshoots, such as Nature cure Food Therapy to handle lifestyle-related disorders, such as Stress, Depression, Anger, B.P. (low/high), Thyroid, Back pain, Arthritis, Diabetes, Hypertension, Gastro, Constipation, Asthma, Obesity, Cervical, Joint pain, Sinus, Infertility, Obesity, Acidity, Drowsiness, Lack of Concentration, IQ level, etc. This book will certainly help its readers attain good health and enlightenment through the practice of Yoga and meditation. Acharya Krishna Deo is a renowned spiritual master, poet, writer and an ambassador of peace & harmony. His vision of healthy, happy and peaceful society has united people from all walks of life. He has made his presence felt through the service projects and the programs/courses of World Welfare Mission ‘Aanandmay Jeevan—The Art of Blissful Life!’. The Life Journey of Acharya Ji Born in 1976 in India, Acharya Krishna Deo started his spiritual journey in 1995 and in a quest to search the science of divinity and experience infinite energy first hand, he visited almost all big and small religious Ashrams and holy places. Acharya Ji established World Welfare Mission in 2005, to spread Health, Happiness, Peace & Welfare around the world.
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    हमारे तीर्थस्थल एवं पौराणिक देवी-देवताओं की मान्यताएँ इस देश की सांस्कृतिक धरोहर एवं समृद्ध परंपराओं की परिचायक हैं। 'शक्तिपीठ' हमारी इन्हीं परंपराओं एवं मान्यताओं का अभिन्न अंग हैं। मन की शांति एवं शक्ति प्राप्त करने के सिद्ध स्थल हैं-'शक्तिपीठ'। शक्तिपीठ वे पवित्र स्थल हैं जो त्रिदेवियों- महासरस्वती, महालक्ष्मी एवं महाकाली की सम्मिलित शक्ति अर्थात् देवी शक्ति (देवी सती का दिव्य स्वरूप) के अधिष्ठान के रूप में जाने जाते हैं। वास्तव में चमत्कारिक माहात्म्य से परिपूर्ण शक्तिपीठ देवी शक्ति के परम-प्रिय निवास-स्थल हैं। प्रारंभ से ही इन स्थलों की संख्या और भौगोलिक स्थिति के बारे में बहुत सारे मत-मतांतर हैं, जो इनकी गूढ़ता के ही परिचायक हैं, तथापि इनकी सिद्धता के बारे में किसी को भी कोई संदेह नहीं है। मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध इन शक्तिपीठ स्थलों की संख्या विभिन्न स्रोतों, सूत्रों एवं लोगों द्वारा 108, 64, 52 और 51 बताई जाती है, लेकिन प्रस्तुत पुस्तक में महापीठपुराण के अनुसार कुल 52 शक्तिपीठों के बारे में शोधात्मक जानकारी धार्मिक पर्यटन की भावना के अनुरूप दी गई है, जिसका एकमात्र लक्ष्य लोगों को इन स्थलों के बारे में बताना है, न कि अंतिम मत प्रदान करना। गीतकार, स्क्रिप्टराइटर एवं 'शक्तिपीठ' पुस्तक के लेखक श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी ने सी.एस.जे.एम. कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर से पर्यटन में एम0बी0ए0 किया। मैनेजमेंट के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से मास-कम्युनिकेशन में भी मास्टर्स की उपाधि प्राप्त की है। पूर्व में कानपुर (उत्तर प्रदेश) में देश-विदेश के एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में बतौर कंटेंट राइटर 7 वर्षों से भी अधिक समय तक कार्यरत रहे श्री त्रिपाठी जी वर्तमान में कानपुर (उत्तर प्रदेश) में ही 2 विश्वप्रसिद्ध | चंद्रेश विमला त्रिपाठी शैक्षणिक संस्थानों (कानपुर-मुंबई) द्वारा निर्मित हिंदी की पहली ब्लॉगिंग एवं सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट में कंटेट राइटर के पद पर नियुक्त हैं। श्री चंद्रेश जी एक सिद्ध-हस्त लेखक हैं। इनके द्वारा पर्यटन पर लिखी गई एक अन्य पुस्तक मैनेजिंग सेल्स एंड प्रमोशन इन टूरिज्म (एम0 टी0 एम07) विश्वविद्यालयीय छात्रों में अत्यधिक लोकप्रिय है तथा देश-विदेश में ख्याति अर्जित कर चुकी है। माता-पिता में ईश्वर का स्वरूप देखने वाले श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी की विचारधारा आधुनिकता के उस खोखलेपन पर तीखा प्रहार करती है, जिसमें वृद्धावस्था में संतान होते हुए भी असहाय की भाँति माता-पिता को वृद्धाश्रमों की शरण लेनी पड़ती है। आज के आधुनिक समाज को श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी जैसे प्रेरक एवं मार्गदर्शक लेखकों की नितांत आवश्यकता है।
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    हीलिंग टच: समय की पुकार यह अद्भुत पुस्तक आप सभी के अंतर्मन में समायी जबर्दस्त शक्ति को न केवल उजागर करने में सहायक है, बल्कि उसे प्राप्त करने की भी चाबी साबित होगी। यह उत्कृष्ट पुस्तक दुनियाभर के लाखों-करोड़ों लोगों को अंतर्मन की अविश्वसनीय शक्ति के उपयोग के बारे में न केवल जानकारी उपलब्ध कराती है, बल्कि लोगों को इस शक्ति का उपयोग अपने हित में करने की शिक्षा भी प्रदान करती है। डॉ. पुनीत मेहता ने इस पुस्तक में वैज्ञानिक शोधों एवं आध्यात्मिक ज्ञान के साथ यह स्पष्ट किया है कि आपके अंतर्मन के विचार ही आपके प्रत्येक कार्य को प्रभावित करते हैं। सच्ची घटनाओं के संकलन के साथ बनाई गई यह पुस्तक आपको जीवन में सफलता पाने के लिए मन को कैसे चमत्कारिक तरीके से उपयोग करें, इसके लिए कई रहस्यों को न केवल बताएगी, बल्कि उनका उपयोग करना भी सिखाती है। इस पुस्तक के माध्यम से आप अपने अंतर्मन की शक्ति के द्वारा जीवन की विभिन्न समस्याओं से अद्भुत तरीके से छुटकारा पा सकते हैं, जैसे-- - स्वास्थ्य में सुधार करने के साथ ही विभिन्न शारीरिक रोगों को ठीक कर सकते हैं। - स्वयं के सामाजिक स्तर का दायरा न केवल बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपने संबंधियों, सहकर्मियों और मित्रों के साथ मधुर संबंध भी कायम कर सकते हैं। - संसार में व्याप्त बुराइयों के साथ ही स्वयं में व्याप्त भय को भी अलविदा कह सकते हैं। - सदा यौवन से परिपूर्ण रहने का भी रहस्य जान सकते हैं। यह पुस्तक आपको मानसिक शांति की ओर ले जाने वाली चमत्कारिक शक्ति के साथ आपके जीवन को सफल बना देगी। हीलिंग टच के क्षेत्र में डॉ. पुनीत मेहता एक ख्याति प्राप्त नाम है। आपने सन् 2004 में एक्यूपंचर और मैग्नेट थेरेपी में डिप्लोमा किया और चिकित्सा जगत में एक नया अध्याय रचा, जिसे हीलिंग टच (स्पर्श चिकित्सा) नाम दिया। आपने विश्व के देशों सिंगापुर, मलेशिया, दुबई, मस्कट, बहरीन, नेपाल सहित अपने देश भारत में इस चिकित्सा क्षेत्र में 2500 सेमिनार आयोजित किए हैं। संगीत की ख्याति प्राप्त कंपनी टी-सीरिज की ओर से आपको वॉयस ऑफ हिमाचल अवार्ड प्राप्त हो चुका है। आपने संगीत साधना से स्वयं को स्वस्थ्य बनाने और मात्र हाथों के स्पर्श (हीलिंग टच) से रोगों को नष्ट करने का जो कार्य शुरू किया है उससे लगभग 3000 असाध्य रोगियों का स्वस्थ होना प्रमाणित हो चुका है। चिकित्सा की इस यात्रा में आप निरंतर गतिशील हैं।
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    यू तो यह 'फिक्शन बुक' एक साधारण-सी भारतीय महिला विमला की किसी भी औरत या स्त्री के विभिन्न स्वरूपों जैसे बेटी, पत्नी, बहू, मां, बहन, सहेली आदि में सच्चाई एवं ईमानदारी के साथ निभाई गई एक यथार्थपरक एवं कल्पनामय कहानी है, ...एक साधारण भारतीय लेकिन विकट परिस्थितियों में भी अपने आत्म-सम्मान पर अडिग रहकर हर महिला की असाधारण कहानी परिस्थिति का डटकर सामना करने के अदम्य साहस के कारण विमला न केवल भारत वरन् पूरे विश्व की किसी भी महिला के आदर्श चरित्र एवं साहस की प्रतीकात्मक प्रेरणा बन सहज ही असाधारण पात्र हो जाती है। वास्तव में आज के दौर में तनाव से जूझते एक युवा एवं पुराने दौर की एक साधारण सी स्त्री उसकी माँ विमला का हर दर के परिप्रेक्ष्य में अदम्य साहस के साथ अपने बेटे को प्रेरित कर उसे उसकी मंजिल तक पहुंचाने एवं उसको तनाव से मुक्ति दिलाने की अनूठी दास्तान है-"देवी विमला. ...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी" हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली की एक नई विधा 'फिल्म-पटकथा लेखन' का सूत्रपात कर इसे विकसित करने को कृत-संकल्प तथा बतौर स्वतंत्र लेखक स्वयं को स्थापित करने हेतु प्रयासरत युवा लेखक श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी मूलतः एक मौलिक स्क्रिप्टराइटर एवं गीतकार हैं, जिनकी शौकिया एक अलग गायन शैली भी हैं। पर्यटन प्रशासन एवं प्रबंधन में यू.जी.सी.-नेट उत्तीर्ण श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी ने सी.एस.जे.एम. कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर से एम.भी.ए, इन टूरिज्म मैनेजमेंट तथा लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनक से मॉस्टर्स इन मास कम्युनिकेशन में स्नातकोत्तर की उपाधियाँ भी प्राप्त की हैं।
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    Ayurveda Tips on concentration, focus, & memory power) is the perfect resource! This book features everything you need to improve your concentration, memory power, health, and peace of mind with yoga, and includes additional information Everything you Need To make Yoga an Integral Part of Your Health and Well-being (For Students & Everyone)
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    This book is a great compilation of superbly written strategies for minimizing toxic emotions and maximizing positive ones. This book succinctly talks about the 7 Secrets to earn money and improve the quality of your life, no matter how precarious your financial condition is, or how wretched your overall life has become. The book talks about the pre-conceived beliefs that stop men and women from achieving career and life-related goals and also suggest the way out to get over these beliefs and accomplish goals. The book will enable readers to think afresh, without being carried away by past failures, and live up to their highest expectations for life. Pritesh Shah is a passionate businessman, dream-fulfilling expert, and personality performance coach. Though he is a Civil Engineer by qualification, he feels more than that, much more. Following his engineering skills, he joined a construction business that went on for nine years. There was a constant belief in the author that said something was missing. So, following that belief, he started taking Transformation Courses. As he completed them, he got to know: what he loves the most is learning and teaching new things to make a DIFFERENCE. For 20 years, he has been following his passion for making a difference via Direct Selling and Performance Coaching. He has learned beautiful things from experts like Shiv Khera, Darren Hardy, and many more.
  • मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और इस रूप में समाज एवं जीवन के विभिन्न पक्षों पर चिंतन करते रहना उसका स्वाभाविक गुण है। किंतु चिंतन करने वाला व्यक्ति अगर जागरूक एवं सहृदय भी हो तो उसकी एक स्वाभाविक इच्छा होती है कि उसके विचारों का लाभ समाज के अन्य व्यक्तियों को भी मिले। निश्चय ही इसका सर्वाधिक प्रामाणिक एवं विश्वसनीय माध्यम उनको शब्दों में बाँधकर मुद्रित रूप में समाज के सम्मुख रखना होता है। श्री हरीश चन्द्र सभरवाल की नवीनतम कविताओं का संग्रह "अनुभूतियाँ इसी दिशा में किया गया एक सार्थक प्रयास है। इस रचना की सभी कविताएँ दैनिक जीवन के विभिन्न रूपों को परिलक्षित करती है, अतः पाठक सहज ही उनसे जुड़ाव महसूस कर लेता है। इन कविताओं का चित्रफलक इतना व्यापक है कि राष्ट्र हित से लेकर मच्छर के काटने से होने वाले रोग डेंगू तक को इनमें समाहित कर लिया गया है। निश्चय ही इनका पाठ और चिंतन इसके सुधी पाठकों को सुकून प्रदान करेगा और वे बार-बार इन्हें पढ़ना चाहेंगे।

    काव्य संग्रह "अनुभूतियाँ" के रचयिता एक वरिष्ठ एवं अनुभवी चिंतक हैं। वर्ष 1973 में स्नातक हो जाने के बाद वर्ष 1974 में उन्होंने अपनी आजीविका के लिए एक राष्ट्रीयकृत बैंक में नौकरी शुरू कर ली। वहाँ पर वर्षों के सेवाकाल ने उनके अनुभवों की पूंजी को काफी समृद्ध किया।

    उनका मानना है कि उनकी काव्य रचना की शुरुआत एक संयोग से हुई जब रेलगाड़ी में यात्रा करते हुए उन्होंने जीवन की पहली कविता लिखी। उसके उपरांत एक जागरूक एवं चिंतक नागरिक के नाते समय-समय पर जो भी विचार उनके मन-मस्तिष्क में आते गए उन पर वे अपनी लेखनी चलाते चले गए जो उनकी वर्तमान रचना 'अनुभूतियाँ' के रूप में हमारे सम्मुख है।  
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    डॉ. मुरारी लाल त्यागी जी ने अपने लंबे आध्यात्मिक जीवन के अनुभवों के द्वारा लोगों के सवालों के जवाब देकर मानव-जीवन की सफलता के गूढ़तम रहस्यों को उजागर किया है। डॉ. त्यागी जी ने कहा है, "मनुष्य अपनी उन्नति एवं अवनति के लिए स्वयं जिम्मेदार होता है। वह जिस प्रकार के संकल्पों या विचारों का निर्माण करता है, वैसी ही परिस्थितियों का निर्माण उसका अवचेतन मन (आत्मा) उसके लिए करने लगता है। अच्छे विचारों का निर्माण करके एवं उन पर ईमानदारी से अमल करके व्यक्ति देवत्व के शीर्ष पर पहुँच जाता है। किंतु यदि उसकी दिशा गलत हुई अर्थात् उसने गलत विचारों का चयन किया तथा उन पर दोषपूर्ण ढंग से अमल किया, तो परिणाम भी विपरीत ही प्राप्त होंगे।" "आपका अवचेतन मन या दूसरे शब्दों में कहें तो आपकी आत्मा ज्ञान का भंडार है। अपनी आत्मा से संपर्क करके आप हर उस चीज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिसकी हमें कभी भी और कहीं भी जरूरत होती है। आप जीवन में भरपूर समृद्धि और आनंद प्राप्त करने के लिए प्रमुखता से अधिकारी हैं और आप इसे सहजता से प्राप्त भी कर सकते हैं।" डॉ.मुरारीलाल त्यागी की कृतियाँ आज सबसे अधिक लोकप्रिय और सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली कृतियों में शामिल हैं। उनके द्वारा लिखित बैरिस्टर, ऊँची दीवार, म्लानमना, विदाई,बीमार कौन, दुःखान्त, संकल्पजयी, एक कदम और, वह कोई और, नया डायरेक्टर, मन उदास क्यों, बदलती लकीरें, हीरे मोती (संपादित), नई तालीम (नाटक), प्यारे बच्चों (नैतिक शिक्षा), सामाजिक सन्त पं. तिलकराज शर्मा, चिन्ता से चिन्तन तक आदि पुस्तकें बहुत लोकप्रिय रही हैं। वे गत 60 वर्षों से 'प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं तथा ज्ञान में चल रहे हैं और धारणा युक्त जीवन जी रहे हैं। उनकी वर्तमान उम्र 87 वर्ष से भी अधिक है। वे गत 55 वर्ष से 'कल्पान्त' मासिक भी प्रकाशित कर रहे हैं जिसमें कवि, साहित्यकार, समीक्षक एवं अन्य विद्वानों की चर्चा की जाती है। यह कृति हमें सिखाती है- सुखी जीवन के चमत्कारिक रहस्य - तन-मन और धन के साथ आत्मिक शांति पाने का सहज और अचूक दिव्य ज्ञान, समस्याओं, निराशा, चिंता, आलोचना और व्याधियों से छूटकर समृद्धि एवं खुशियाँ पाने के सरल सूत्र। सत्प्रेरणा से परिपूर्ण एवं जीवन को आनंदमय बनाने का सतत् प्रवाह प्राप्त करने के लिए 'मेरा' सुख 'किसके हाथ प्रसिद्ध मनीषी एवं आध्यात्मिक वक्ता डॉ. मुरारी लाल त्यागी जी द्वारा दिए गए मर्मस्पर्शी सवालों के अनुभवसिद्ध जवाबों का अनुसरण अवश्य करें।  
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    'अधूरा इंसाफ ...एक और दामिनी' वैदेही की कहानी है, जो समाज के खोखले ढाँचों को हर कदम पर चुनौती देती है। वस्त्रों के चुनाव से लेकर लड़कों से दोस्ती तक समाज वैदेही के हर कदम पर सवाल उठाता है। वैदेही के माता-पिता इंसाफ की गुहार लगाते हैं, मगर सरकारी वायदों और घोषणाओं के सिवा कुछ हाथ नहीं आता। 'समाज का एक वर्ग दामिनी रेप पीड़िता 'वैदेही' का साथ देता है और समाज का ही दूसरा वर्ग रेप की घटना के लिए वैदेही को ही जिम्मेदार ठहराता है। वैदेही के लिए इंसाफ की तलाश में एक और दामिनी' बनने तक की दर्दनाक कहानी। • दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक। • लेखन के अलावा धार्मिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता। • 10 वर्षों से अधिक कंप्यूटर हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर का अध्यापन एवं प्रशिक्षण का कार्य किया। • दिल्ली की एक प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाई में राम 'पुजारी' सीनियर मैनेजर एवं कन्सेल्टेंट पद पर कार्यरत। • योग प्रशिक्षक। लेखक 'राम पुजारी' के नवीनतम उपन्यास 'अधूरा इंसाफ : एक और दामिनी' के कथानकों की प्रासंगिकता और लोकप्रियता को देखते हुए इस उपन्यास को 'मनोरमा इयरबुक 2017 में स्थान दिया गया है। डॉ. उदित राज, संसद सदस्य (लोकसभा) उत्तर-पश्चिमी दिल्ली, पूर्व आई.आर. एस. ने लेखक 'राम पुजारी' के उपन्यास 'अधूरा इंसाफ : एक और दामिनी' की लोकप्रियता को देखते हुए द्वितीय संस्करण छपने पर पत्र लिखकर बधाई दी है। समाज में स्त्रियों के प्रति सम्मान की भावना को जीवित रखने के लिए उन्होंने इस प्रकार के साहित्य की सराहना की है।
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    Mankind: Origin, Journey to the Present and Future

    144.00
    The pre-historic connection of the African continent with peninsular India in the Gondwanaland day led the author to think whether the earliest inhabitants of India came from Africa. The present worldview, however, rules it out by assuming that Gondwanaland disintegrated long before the humans arrived in Africa. This view, however, cannot convincingly explain how primitive Man spilled all over the world in the later years, crossing the huge oceans in between. The present book is an attempt to solve this puzzle on the basis of available evidence. The invention of machines in the 18th century by humans, though lauded as the greatest achievement, has also resulted in ever-increasing pollution and destruction of nature in the name of development. The cumulative effect of all this after centuries of progress has brought us to the precipice where global warming and its ugly effects are bringing the planet to the brink of a catastrophe. The only way to reverse this effect in the author's view is to ascertain that the majority of our population retains agriculture as their livelihood. That is the only way global warming can be reversed. The book is based on rational thinking and scientific reasoning. Alok Bhattacharya: The author is a Ph.D. in Chemistry from Banaras Hindu University along with a few years of research experience in Canadian universities. He started his career as a scientist in a CSIR Lab, then moved on to industry as an R&D Scientist and retired after a successful career. He has published in national and international journals of repute, was an invited speaker in the Calcutta session of the Indian Science Congress in 1995, and has authored books on advanced research topics. He has traveled widely and has an active interest in current social issues. His book "Global Warming" has been published by Rupa & Co. in 2008
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    समाज में बदलाव पहले भी होते थे और आज भी हो रहे हैं। विवाह का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। ऊपर से तो सब सामान्य लगता है किंतु थोड़ा सा भी गहराई में जाने पर साफ दिखाई पड़ता है कि विवाह की पारम्परिक मान्यताएँ आज छिन्न भिन्न होती नजर आ रही हैं। पत्नी के अतिरिक्त किसी दूसरी स्त्री से संबंध बनाना क्या पुरुष की स्वाभाविक प्रवृत्ति है या फिर कभी-कभी स्त्री के सम्मुख ऐसी परिस्थितियाँ उपस्थित हो जाती है कि वह किसी दूसरे पुरुष के साथ संबंध बनाने को विवश हो जाए? युद्ध की विभीषिका के शिकार उन परिवारों की क्या दशा होती है जिनके स्वामी देश हित के लिए युद्ध में शहीद हो जाते हैं? इस प्रकार के क्रूर किंतु यथार्थ प्रश्नों को समाज के सम्मुख प्रस्तुत करने का सार्थक प्रयास श्री मोहित कुमार शर्मा के इस नबीन उपन्यास "पंच तत्त्व का ये संसार" में किया गया है। उपन्यास की भाषा इतनी सारगर्भित एवं विषयानुकूल है कि ऐसा लगता है मानो सब कुछ हमारी आँखों के सामने घटित हो रहा हो। कथानक के कुछ मोड़ तो ऐसे हैं जिन्हें पढ़कर मन में प्रश्न उठते हैं कि क्या समाज में ऐसा भी होता है। आशा है कि समाज के यथार्थ पर आधारित इस उपन्यास को सुधी पाठक बार-बार पढ़ना चाहेंगे। "पंच तत्त्व का ये संसार" शीर्षक उपन्यास के रचयिता श्री मोहित कुमार शर्मा मूलत: दूरिज्म के व्यवसाय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी हैं जो इस समय उत्तर भारत के प्रमुख कार्यपालक के पद पर कार्यरत हैं। इस रूप में उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में घूमने तथा वहाँ के लोगों के जीवन को निकट से जानने का अवसर मिलता रहता है। लेखक ने स्वयं भी जब वैवाहिक जीवन में प्रवेश किया तो समाज की ओर से उन्हें विभिन्न उतार चढ़ावों से भरे अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला।
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    ‘Life Through A Lens ‘ is Khushi Jain’s book . The book unravels Khushi ‘s evolution as a poetess . Khushi has dealt with everyday topics which touch her heart and soul . Her style of writing is simple , lyrical and mindful of metre . Her perspective is fresh , relatable and keeps the reader engaged. Khushi is a vivacious and social 15 year old girl , born and brought up in Delhi . She has friends in all age groups . She is currently studying in Springdales School , Dhaula Kuan , New Delhi .She is a literature lover and reads a lot . By the age of 11 her love for reading translated to writing especially poetry . She wants to be an orator par excellence . She has deep interest in computer and technology and aspires to be an entrepreneur when she grows up .
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    प्रस्तुत पुस्तक ‘वृक्ष लगाएँः ग्रहों को अपने अनुकूल बनाएँ’ में इन तथ्यों का विस्तृत एवं स्पष्ट विवरण दिया गया है। यह पुस्तक आपको बताएगी कि अपनी राशि का वृक्ष लगाकर आप किस प्रकार सुख-समृद्धि एवं अलौकिक आनंद प्राप्त कर सकते हैं। इस पुस्तक का अध्ययन करके आप स्वयं ही जान सकते हैं कि कौन-सा ग्रह आपके अनुकूल है, और कौन-सा ग्रह नहीं तथा प्रतिकूल ग्रह को केसे शांत किया जाए। दुनिया में ग्रीनमैन के नाम से जाने जाने वाले ख्यातिप्राप्त पर्यावरणविद श्री विजयपाल बघेल इस पुस्तक के लेखक हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन वृक्ष सम्पदा के लिए समर्पित किया हुआ है। पेड़ के आध्यात्मिक, औषधीय, पर्यावरणीय, सामाजिक तथा आर्थिक महत्त्व की पौराणिक मान्यताओं को पुनःस्थापित करने के मिशन का संचालन असंख्य पर्यावरण प्रेमियों को जोड़कर कर रहे हैं। सैकड़ों अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा प्रादेशिक स्तर के सम्मान एवं प्रशस्ति पत्र पाने वाले श्री बघेल इस युग में ‘हरित ऋषि’ की भूमिका निभा रहे हैं। पेड़ों के प्रति अगाध आत्मीय संबंध रखने वाले ये लेखक वृक्षों के आध्यात्मिक महत्त्व को विज्ञान के साथ जोड़कर अपनी अनुभवी लेखनी का प्रयोग लोक कल्याण के लिए साहित्य लेखन द्वारा भरपूर कर रहे हैं। इस पुस्तक के सहयोगी लेखक श्री दिनेश वर्मा जाने-माने लेखक, समर्पित समाजसेवी, अपनी पुस्तकों के प्रकाशन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत रहने वाले एवं मानवीय गुणों से परिपूर्ण व्यक्तित्व के स्वामी हैं। वे हमेशा इस दिशा में प्रयत्नशील रहते हैं कि समाज में रहने वाले सभी व्यक्ति, स्वस्थ, शांत एवं प्रसन्नतापूर्ण जीवन व्यतीत करें। प्रस्तुत पुस्तक भी इसी दिशा में किए जा रहे उनके प्रयासों का एक भाग है। इस पुस्तक के एक अन्य सहयोगी लेखक श्री विनय कंसल ‘पर्यावरण श्री (मानद उपाधि)’ एवं कई अन्य पुरस्कारों से पुरस्कृत तथा सुविख्यात पर्यावरणविद् हैं। आज धरती का प्रत्येक व्यक्ति किसी-न-किसी कारण से त्रस्त, परेशान तथा तनावग्रस्त है। इन समस्याओं के समाधान के लिए मनुष्य पूजा-पाठ, ज्योतिष, ग्रह-शांति आदि का सहारा लेता है। क्योंकि वनस्पति सहित सम्पूर्ण प्राणी जगत एवं ग्रहों सहित समस्त सौर-परिवार प्रकृति के ही भाग हैं, अतः वृक्षों से तथा ग्रहों से हमारा अटूट रिश्ता है।  
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    If you want to know how to grow and sustain in your personal life or/and business by leaps and bounds, this book is yours. The book contains all the facts and answers all the questions that you might have. It addresses all the problems that you might be facing as an entrepreneur or as a student. Mr. Harish Miglani picked CA as career choice and completed exams in very first attempt in the year 2006. After becoming Chartered Accountant in 2006, he started giving coaching to CA students in 2009. At the time of his practice and coaching to students. Mr. Miglani observed that there are people in the society who are intellectual, disciplined, but there is something that hold them all. This book is a big attempt to transform all these people.
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    How to Write off Your Pain?

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    This book is the ultimate guide for people of all age groups, who want to prevent joint and muscle pains, due to incorrect postures in their daily lives. This self-help book enables one to learn about simple tips on lifestyle modification, and prevention management of musculoskeletal repetitive stress injury (RSI) through basic exercises, and ergonomics at home and at work. This will enable readers of the book to lead a healthy and pain-free life. Dr. Ridwana Sanam is a leading Consultant Physiotherapist and Woman Entrepreneur, well known for her work in the field of Clinical Physiotherapy and Education. She has completed numerous courses, such as Kineseo-Taping (Japan), Band & Ball (UK), Manual Therapy (Singapore) and Dry Needling (AIIMS, India). She founded KRV in 2007 and incorporated KVR Healthcare and Physiotherapy Pvt. Ltd. in 2011. Having treated lacs of patients across India, as well as from neighbouring countries in South Asia and Middle East, she has amassed vast clinical experience in her decade-long career. She is well versed in the latest technology and techniques in physiotherapy, and through her direct treatment of patients over the last 10 years, she has prevented more than 50,000 surgeries of Osteoarthritis, Slip Disc, and ACL Tears. In addition to committing herself to the effective diagnosis and treatment of injuries, she is also a firm believer in the prevention of injuries by adopting simple techniques for an ergonomic and healthy lifestyle. She developed this interest during the course of treating several patients where injuries were preventable. Dr. Ridwana Sanam was appreciated and awarded by Dr. APJ Abdul Kalam in 2013.