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    डॉक्टर एस. एस. गोला ज्योतिष मार्तण्ड, ज्योतिष रत्न, ज्योतिष कोविद तथा ज्योतिष वाचस्पति हैं। भारत के राष्ट्रपति द्वारा उनको दो बार सम्मानित किया जा चुका है। केवल 15 वर्ष की आयु में ही वे लगातार 9 से 10 घंटे की समाधि ले लेते थे।
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    Fitness Forever: Your Step by Step Plan to Build a Body That Sets You up for Life!

    Original price was: ₹240.00.Current price is: ₹216.00.
    We all wish to lead a happy life which is incomplete without good health. The book Fitness Forever (Design Your Body)' is a boon for all those who are interested in leading a happy and healthy life. This book is authored by Gaurav Kumar and Jinnie Gogia Chugh who are international athletes and well known faces in the field of fitness. It is a scientifically proven fact that being slim is not the only criteria of being fit. One should have strength, stamina and flexibility if s/he wants to be fit in true sense. This book covers all the aspects including proper diet plans, workout schedules, breathing techniques and even rest. In a nutshell this book is a real motivational guide that will help you achieve proper fitness along with confident good looks that will bring out a more happy, calm, confident, focussed and a fit NEW YOU!!! A Fashion Photographer and a model, Gaurav Kumar is well recognised in this field. He is the winner of two sub-titles in the coveted GRASIM MR. INDIA 2006 and has many awards and achievements to his credit. He has rich knowledge about fitness and has been a role model and mentor to many. He has transformed many lives and was thus persuaded to share and spread his knowledge amongst everyone. He is a Taekwondo practitioner and has an event management firm-STAR FLARE GAURAV KUMAR ENTERTAINMENT. A writer and fitness professional, Jinnie Gogia Chugh has authored twelve books and has edited many including the best selling 'Enhance Your Child' series. A strong educationist and scholar, she writes on various topics for different magazines. Her articles and writeups are regularly published. She is also a literary agent, and compiles books. She has avid interest in fitness. Having represented India on an international platform, she is recognised as one of the elite women in fitness in the country. She has been interviewed and given coverage by almost all national newspapers and magazines, and is always in continuous pursuit of excellence!  
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    Beauty n Beyond: The New Era

    Original price was: ₹180.00.Current price is: ₹162.00.
    Beauty is one of the prime essences for existence in today's world. Beauty cannot just be restricted to genetic inheritance rather it is more about grooming those assets we have been blessed with. The book has been written by Dr. Mridu Miglani, a renowned dentistry and cosmetology expert with 15 years of practicing experience and Gopika Dhupar, an eminent cosmetologist and makeup artist. Their collaboration has created this masterpiece which they have named 'Beauty n Beyond - The New Era'.  The book is good for everyone who wants to have a ravishing and glamorous appearance. Some of the secrets revealed in this book includes that of flawless skin and hair nourishment. Beauty treatments have been suggested based on the circulating trends. Scope and effects of new age make-up treatments like chemical peel, botox and fillers have also been elaborated. Read the book and apply the tips suggested to give that new appeal to your personality. Who says cosmetics is an affair restricted to riches, authors present here some great remedies and beauty enhancement tips that are readily available in every household. Take that one step towards looking beautiful with the copy of Beauty and Beyond in your possession.
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    शक्तिपीठ (Shaktipeeth)

    Original price was: ₹120.00.Current price is: ₹108.00.
    हमारे तीर्थस्थल एवं पौराणिक देवी-देवताओं की मान्यताएँ इस देश की सांस्कृतिक धरोहर एवं समृद्ध परंपराओं की परिचायक हैं। 'शक्तिपीठ' हमारी इन्हीं परंपराओं एवं मान्यताओं का अभिन्न अंग हैं। मन की शांति एवं शक्ति प्राप्त करने के सिद्ध स्थल हैं-'शक्तिपीठ'। शक्तिपीठ वे पवित्र स्थल हैं जो त्रिदेवियों- महासरस्वती, महालक्ष्मी एवं महाकाली की सम्मिलित शक्ति अर्थात् देवी शक्ति (देवी सती का दिव्य स्वरूप) के अधिष्ठान के रूप में जाने जाते हैं। वास्तव में चमत्कारिक माहात्म्य से परिपूर्ण शक्तिपीठ देवी शक्ति के परम-प्रिय निवास-स्थल हैं। प्रारंभ से ही इन स्थलों की संख्या और भौगोलिक स्थिति के बारे में बहुत सारे मत-मतांतर हैं, जो इनकी गूढ़ता के ही परिचायक हैं, तथापि इनकी सिद्धता के बारे में किसी को भी कोई संदेह नहीं है। मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध इन शक्तिपीठ स्थलों की संख्या विभिन्न स्रोतों, सूत्रों एवं लोगों द्वारा 108, 64, 52 और 51 बताई जाती है, लेकिन प्रस्तुत पुस्तक में महापीठपुराण के अनुसार कुल 52 शक्तिपीठों के बारे में शोधात्मक जानकारी धार्मिक पर्यटन की भावना के अनुरूप दी गई है, जिसका एकमात्र लक्ष्य लोगों को इन स्थलों के बारे में बताना है, न कि अंतिम मत प्रदान करना। गीतकार, स्क्रिप्टराइटर एवं 'शक्तिपीठ' पुस्तक के लेखक श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी ने सी.एस.जे.एम. कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर से पर्यटन में एम0बी0ए0 किया। मैनेजमेंट के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से मास-कम्युनिकेशन में भी मास्टर्स की उपाधि प्राप्त की है। पूर्व में कानपुर (उत्तर प्रदेश) में देश-विदेश के एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में बतौर कंटेंट राइटर 7 वर्षों से भी अधिक समय तक कार्यरत रहे श्री त्रिपाठी जी वर्तमान में कानपुर (उत्तर प्रदेश) में ही 2 विश्वप्रसिद्ध | चंद्रेश विमला त्रिपाठी शैक्षणिक संस्थानों (कानपुर-मुंबई) द्वारा निर्मित हिंदी की पहली ब्लॉगिंग एवं सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट में कंटेट राइटर के पद पर नियुक्त हैं। श्री चंद्रेश जी एक सिद्ध-हस्त लेखक हैं। इनके द्वारा पर्यटन पर लिखी गई एक अन्य पुस्तक मैनेजिंग सेल्स एंड प्रमोशन इन टूरिज्म (एम0 टी0 एम07) विश्वविद्यालयीय छात्रों में अत्यधिक लोकप्रिय है तथा देश-विदेश में ख्याति अर्जित कर चुकी है। माता-पिता में ईश्वर का स्वरूप देखने वाले श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी की विचारधारा आधुनिकता के उस खोखलेपन पर तीखा प्रहार करती है, जिसमें वृद्धावस्था में संतान होते हुए भी असहाय की भाँति माता-पिता को वृद्धाश्रमों की शरण लेनी पड़ती है। आज के आधुनिक समाज को श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी जैसे प्रेरक एवं मार्गदर्शक लेखकों की नितांत आवश्यकता है।
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    हीलिंग टच (Healing Touch): समय की पुकार

    Original price was: ₹120.00.Current price is: ₹108.00.
    हीलिंग टच: समय की पुकार यह अद्भुत पुस्तक आप सभी के अंतर्मन में समायी जबर्दस्त शक्ति को न केवल उजागर करने में सहायक है, बल्कि उसे प्राप्त करने की भी चाबी साबित होगी। यह उत्कृष्ट पुस्तक दुनियाभर के लाखों-करोड़ों लोगों को अंतर्मन की अविश्वसनीय शक्ति के उपयोग के बारे में न केवल जानकारी उपलब्ध कराती है, बल्कि लोगों को इस शक्ति का उपयोग अपने हित में करने की शिक्षा भी प्रदान करती है। डॉ. पुनीत मेहता ने इस पुस्तक में वैज्ञानिक शोधों एवं आध्यात्मिक ज्ञान के साथ यह स्पष्ट किया है कि आपके अंतर्मन के विचार ही आपके प्रत्येक कार्य को प्रभावित करते हैं। सच्ची घटनाओं के संकलन के साथ बनाई गई यह पुस्तक आपको जीवन में सफलता पाने के लिए मन को कैसे चमत्कारिक तरीके से उपयोग करें, इसके लिए कई रहस्यों को न केवल बताएगी, बल्कि उनका उपयोग करना भी सिखाती है। इस पुस्तक के माध्यम से आप अपने अंतर्मन की शक्ति के द्वारा जीवन की विभिन्न समस्याओं से अद्भुत तरीके से छुटकारा पा सकते हैं, जैसे-- - स्वास्थ्य में सुधार करने के साथ ही विभिन्न शारीरिक रोगों को ठीक कर सकते हैं। - स्वयं के सामाजिक स्तर का दायरा न केवल बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपने संबंधियों, सहकर्मियों और मित्रों के साथ मधुर संबंध भी कायम कर सकते हैं। - संसार में व्याप्त बुराइयों के साथ ही स्वयं में व्याप्त भय को भी अलविदा कह सकते हैं। - सदा यौवन से परिपूर्ण रहने का भी रहस्य जान सकते हैं। यह पुस्तक आपको मानसिक शांति की ओर ले जाने वाली चमत्कारिक शक्ति के साथ आपके जीवन को सफल बना देगी। हीलिंग टच के क्षेत्र में डॉ. पुनीत मेहता एक ख्याति प्राप्त नाम है। आपने सन् 2004 में एक्यूपंचर और मैग्नेट थेरेपी में डिप्लोमा किया और चिकित्सा जगत में एक नया अध्याय रचा, जिसे हीलिंग टच (स्पर्श चिकित्सा) नाम दिया। आपने विश्व के देशों सिंगापुर, मलेशिया, दुबई, मस्कट, बहरीन, नेपाल सहित अपने देश भारत में इस चिकित्सा क्षेत्र में 2500 सेमिनार आयोजित किए हैं। संगीत की ख्याति प्राप्त कंपनी टी-सीरिज की ओर से आपको वॉयस ऑफ हिमाचल अवार्ड प्राप्त हो चुका है। आपने संगीत साधना से स्वयं को स्वस्थ्य बनाने और मात्र हाथों के स्पर्श (हीलिंग टच) से रोगों को नष्ट करने का जो कार्य शुरू किया है उससे लगभग 3000 असाध्य रोगियों का स्वस्थ होना प्रमाणित हो चुका है। चिकित्सा की इस यात्रा में आप निरंतर गतिशील हैं।
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    मानवीय संबंधों में अहंकार के वर्चस्व पर कुठाराघात का एक प्रयास है डॉ. मुरारीलाल त्यागी की यह कृति--- हुकूमत-ए-सफलता का रहस्य - आइडिया कैन चेंज योर एचीवमेंट आप जीवन में भरपूर समृद्धि और आनंद प्राप्त करने के लिए प्रमुखता से अधिकारी हैं और आप इसे सहजता से प्राप्त भी कर सकते हैं। एक अत्यंत लंबे समय से डॉ. मुरारीलाल त्यागी जी ने सामाजिक, आध्यात्मिक, प्रेरणात्मक, व्यावसायिक तथा समय-समय पर समाज के विभिन्न मुद्दों को लेकर अनेक कृतियों का सृजन करने से पहले उनकी अनंत उपलब्धियों का गहनता से अध्ययन किया है। डॉ. मुरारीलाल त्यागी ने इस संसार के विभिन्न मनीषियों, विद्वत्जनों, संतों-महंतों और महान हस्तियों, दार्शनिकों के जीवन की प्रेरणात्मक बातों को गहराई से जाना है। इस प्रेरणादायी एवं असाधारण कृति में उनके इसी ज्ञान की जानकारी विस्तृत रूप में झलकती है। यह कृति हमें सिखाती है--- - तनावग्रस्तता से मुक्ति के अद्भुत उपाय। - तन-मन और धन के साथ आत्मिक शांति पाने का सहज और अचूक दिव्य ज्ञान। - समस्याओं, निराशा, चिंता, आलोचना और व्याधियों से छूट कर मन की शक्ति एवं खुशियाँ पाने के सरल सूत्र। - संबंधों में कड़वाहट को हटाने और समृद्धिदायक उम्दा उपाय। - चिंता-तनाव से मुक्ति दिलाने वाले सिद्ध उपायों का भंडार। - स्वस्थता एवं ऊर्जा का संग्रह करने के कारगर उपाय। - दीर्घायु प्राप्ति का रहस्य। डॉ.मुरारीलाल त्यागी की कृतियाँ आज सबसे अधिक लोकप्रिय और सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली कृतियों में शामिल हैं। उनकी बहुत सारी पुस्तकों (बैरिस्टर, ऊँची दीवार, म्लानमना, विदाई, बीमार कौन, दुःखान्त, संकल्पजयी, एक कदम और, वह कोई और, नया डायरेक्टर, मन उदास क्यों, बदलती लकीरें, हीरे मोती (संपादित), नई तालीम (नाटक), इंसानियत का पाठ (बाल साहित्य), प्यारे बच्चों (नैतिक शिक्षा)) की हजारों प्रतियाँ बिक चुकी हैं। डॉ. मुरारीलाल त्यागी समाज की भी प्रसिद्ध हस्ती हैं, जो बहुत ही सरल भाषा में विभिन्न सामाजिक, व्यावसायिक एवं आध्यात्मिक मुद्दों को अपनी लेखनी के द्वारा समय-समय पर प्रभावशाली तरीके से उठाते रहे हैं और लोगों को वास्तविकता का दर्शन कराने के साथ दिव्य ज्ञान उपलब्ध कराते रहे हैं। सत्प्रेरणा से परिपूर्ण एवं जीवन को आनंदमय बनाने का सतत् प्रवाह प्राप्त करने के लिए हुकूमत-ए-सफलता का रहस्य - आइडिया कैन चेंज योर एचीवमेंट का अनुसरण करें।
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    डॉ. मुरारी लाल त्यागी जी ने अपने लंबे आध्यात्मिक जीवन के अनुभवों के द्वारा लोगों के सवालों के जवाब देकर मानव-जीवन की सफलता के गूढ़तम रहस्यों को उजागर किया है। डॉ. त्यागी जी ने कहा है, "मनुष्य अपनी उन्नति एवं अवनति के लिए स्वयं जिम्मेदार होता है। वह जिस प्रकार के संकल्पों या विचारों का निर्माण करता है, वैसी ही परिस्थितियों का निर्माण उसका अवचेतन मन (आत्मा) उसके लिए करने लगता है। अच्छे विचारों का निर्माण करके एवं उन पर ईमानदारी से अमल करके व्यक्ति देवत्व के शीर्ष पर पहुँच जाता है। किंतु यदि उसकी दिशा गलत हुई अर्थात् उसने गलत विचारों का चयन किया तथा उन पर दोषपूर्ण ढंग से अमल किया, तो परिणाम भी विपरीत ही प्राप्त होंगे।" "आपका अवचेतन मन या दूसरे शब्दों में कहें तो आपकी आत्मा ज्ञान का भंडार है। अपनी आत्मा से संपर्क करके आप हर उस चीज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिसकी हमें कभी भी और कहीं भी जरूरत होती है। आप जीवन में भरपूर समृद्धि और आनंद प्राप्त करने के लिए प्रमुखता से अधिकारी हैं और आप इसे सहजता से प्राप्त भी कर सकते हैं।" डॉ.मुरारीलाल त्यागी की कृतियाँ आज सबसे अधिक लोकप्रिय और सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली कृतियों में शामिल हैं। उनके द्वारा लिखित बैरिस्टर, ऊँची दीवार, म्लानमना, विदाई,बीमार कौन, दुःखान्त, संकल्पजयी, एक कदम और, वह कोई और, नया डायरेक्टर, मन उदास क्यों, बदलती लकीरें, हीरे मोती (संपादित), नई तालीम (नाटक), प्यारे बच्चों (नैतिक शिक्षा), सामाजिक सन्त पं. तिलकराज शर्मा, चिन्ता से चिन्तन तक आदि पुस्तकें बहुत लोकप्रिय रही हैं। वे गत 60 वर्षों से 'प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं तथा ज्ञान में चल रहे हैं और धारणा युक्त जीवन जी रहे हैं। उनकी वर्तमान उम्र 87 वर्ष से भी अधिक है। वे गत 55 वर्ष से 'कल्पान्त' मासिक भी प्रकाशित कर रहे हैं जिसमें कवि, साहित्यकार, समीक्षक एवं अन्य विद्वानों की चर्चा की जाती है। यह कृति हमें सिखाती है- सुखी जीवन के चमत्कारिक रहस्य - तन-मन और धन के साथ आत्मिक शांति पाने का सहज और अचूक दिव्य ज्ञान, समस्याओं, निराशा, चिंता, आलोचना और व्याधियों से छूटकर समृद्धि एवं खुशियाँ पाने के सरल सूत्र। सत्प्रेरणा से परिपूर्ण एवं जीवन को आनंदमय बनाने का सतत् प्रवाह प्राप्त करने के लिए 'मेरा' सुख 'किसके हाथ प्रसिद्ध मनीषी एवं आध्यात्मिक वक्ता डॉ. मुरारी लाल त्यागी जी द्वारा दिए गए मर्मस्पर्शी सवालों के अनुभवसिद्ध जवाबों का अनुसरण अवश्य करें।  
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    Those Powerful Moustaches, Jhumkas and Poor Me is a Satire on human behaviours and relationships catering to all ages. It's a humorous, analytical presentation that answer many secrets of moody yet relevant human psyche.. I hope you enjoy reading it as much as I enjoyed writing it.. Ms. Shakti Dwesar Sharma is the Ex Managing Trustee and Chairperson of Swayam Shakti Foundation that works for youth turning blind in India. Being the Founder and visually challenged herself, she, during her tenure (2004-2015) has empowered many such youths, with the sole mission of bringing them back to the main stream society, pulling them out of their dark shells and horizons. In the capacity of a responsible citizen, she pens down her thoughts on issues of national importance like skill development, employment generation, and poverty eradication. Through her philosophical insights, she counsels and motivates all around her to be better human beings and understand the core issues of life. She is also the author of 'Tearless Eyes Fearless Heads! published in 2003.
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    मुस्कुराता सच (Muskurata Sach)

    Original price was: ₹110.00.Current price is: ₹99.00.
    कुछ बातें मन को छू जाती हैं तो कुछ मन को उदास कर जाती हैं। जो बातें मन को छूने वाली होती हैं वही तो होता है 'मुस्कुराता सच', जो मनुष्य को कुछ सोचने को विवश करता है, कुछ विशेष कर पाने की प्रेरणा देता है। इस पुस्तक में आप जीवन के अनगिनत सच से रू-ब-रू होते हैं। पुस्तक के प्रत्येक शीर्षक में आबद्ध पंक्तियाँ जहाँ मन में खुशियों के फूल खिलाती हैं वहीं भटकते हुए मन को चंचल लहरों के मझधार में डूबने से बचाने का हरसंभव प्रयत्ल करती हैं। जीवन का हर पल आपसे सवाल करता है, आप खामोशी की चादर ओढ़े रहते हैं। उन पलों में इस पुस्तक की अनमोल बातें आपके हर अनुत्तरित सवाल का सटीक जवाब देंगी। वन्दना गिरिधर जन्म: एक मध्यमवर्गीय परिवार में दिनांक 11 जुलाई 1971 को 'गुप्ता कॉलोनी' दिल्ली में हुआ। शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में B.A. (Hons.) की डिग्री प्राप्त की I दिल्ली विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त कर माता पिता द्वारा विवाह कर देने के | पश्चात् एक संपूर्ण गृहिणी के रूप में परिवार की सभी मान-मर्यादाओं का पालन करते हुए जीवन व्यतीत किया। हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं पर आपका विशेष अधिकार है। आपने अपने जीवनकाल में Cinevision Arts के साथ दो फिल्मों में (1) करम: ये है तेरा करम, (2) | 'यु फील मई लव' में एक गीतकार के तौर पर कार्य किया। दहेज और बाल-विवाह के प्रति काफी कड़ा रुख रखती हैं एवं ऐसा करने वाले लोगों से भी घृणा करती हैं। सामाजिक कार्यों को करने में आपकी विशेष रुचि है और आपको संगीत सुनना व गीत लेखन अति प्रिय है। हरा-भरा वातावरण आपको आकर्षित करता है।
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    सफलता के व्यवहारिक आयाम (safalta ke vyavharik aayam)

    Original price was: ₹259.00.Current price is: ₹233.00.
    Safalta ke vyavharik aayam An impressive personality is the key to success. We bring for you in this book some of the essential changes that you must inculcate in your personality to be successful in life. Some real examples have been quoted in the book from the life of great people like Abraham Lincoln. Written by an eminent personality counselor Sanjeev Sharma, the book talks about many traits that influence our personality. The book highlights the impact of attributes like expression, inspiration, and so on. The book is must read for everyone who wants to be successful in life and improve their personality. Written in simple Hindi, this book is easy to understand. Read it till its very last page, implement the thoughts presented here and experience the change in your life.
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    This book is Dadi Janki’s sermon, which is completely successful in changing people’s lives. This book contains answers to questions asked by people from Dadi Janki, and she satisfied their hearts with her marvelous answers that make them full of contentment.
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    Ayurveda Tips on concentration, focus, & memory power) is the perfect resource! This book features everything you need to improve your concentration, memory power, health, and peace of mind with yoga, and includes additional information Everything you Need To make Yoga an Integral Part of Your Health and Well-being (For Students & Everyone)
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    This book 'Reasonable Future of Humanity' is dedicated mainly to those who are living a life deprived of those things which are necessary for daily life. Through this book the author wants to tell us all that while creating life on the Earth, the Almighty God endowed a man with an intelligent and generous nature which is still present in the existence of man. But for some reason, with the multiplication and development of people's relationships, a great degradation of morality, and misinterpretation of beautiful and useful man's nature existed for years before and still exists nowadays. 'Choogin Valeriy Vitalievich' was born on 22nd October, 1937, at Sverdlovsk in Russia. He is a Doctor of Technical Sciences, a Professor in the field of Mechanical Technology of Textile Materials, and an Academician in the Ukrainian Technology Academy. In July 2010, Almighty lifted his consciousness above clouds and opened his mind curtains to expand his foresight, and charged to it. Similarly, in August 2013, has lifted his consciousness much above the clouds and removed restrictions from his brain in the direction of deepening the measure of comprehensive real living conditions of the person and all living beings. In October 2013, Almighty entered the 3rd contact with the author instructing him to behave with the utility level provided to him towards mankind without hesitation.  Thus, this book is being published with the hope of the attention of many simple workers and citizens of all countries of the world.    
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    'अधूरा इंसाफ ...एक और दामिनी' वैदेही की कहानी है, जो समाज के खोखले ढाँचों को हर कदम पर चुनौती देती है। वस्त्रों के चुनाव से लेकर लड़कों से दोस्ती तक समाज वैदेही के हर कदम पर सवाल उठाता है। वैदेही के माता-पिता इंसाफ की गुहार लगाते हैं, मगर सरकारी वायदों और घोषणाओं के सिवा कुछ हाथ नहीं आता। 'समाज का एक वर्ग दामिनी रेप पीड़िता 'वैदेही' का साथ देता है और समाज का ही दूसरा वर्ग रेप की घटना के लिए वैदेही को ही जिम्मेदार ठहराता है। वैदेही के लिए इंसाफ की तलाश में एक और दामिनी' बनने तक की दर्दनाक कहानी। • दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक। • लेखन के अलावा धार्मिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता। • 10 वर्षों से अधिक कंप्यूटर हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर का अध्यापन एवं प्रशिक्षण का कार्य किया। • दिल्ली की एक प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाई में राम 'पुजारी' सीनियर मैनेजर एवं कन्सेल्टेंट पद पर कार्यरत। • योग प्रशिक्षक। लेखक 'राम पुजारी' के नवीनतम उपन्यास 'अधूरा इंसाफ : एक और दामिनी' के कथानकों की प्रासंगिकता और लोकप्रियता को देखते हुए इस उपन्यास को 'मनोरमा इयरबुक 2017 में स्थान दिया गया है। डॉ. उदित राज, संसद सदस्य (लोकसभा) उत्तर-पश्चिमी दिल्ली, पूर्व आई.आर. एस. ने लेखक 'राम पुजारी' के उपन्यास 'अधूरा इंसाफ : एक और दामिनी' की लोकप्रियता को देखते हुए द्वितीय संस्करण छपने पर पत्र लिखकर बधाई दी है। समाज में स्त्रियों के प्रति सम्मान की भावना को जीवित रखने के लिए उन्होंने इस प्रकार के साहित्य की सराहना की है।
  • उन्नीसवीं सदी में इंग्लैंड के कुछ अंग्रेज उद्योगपति स्वतंत्र रूप से तथा मनमाने ढंग से भारतीय किसानों से नील की खेती अपनी शर्तों पर करवाते थे तथा उन्हें मामूली मेहनताना देकर नील उत्पादों को यूरोप एवं एशिया के बाजार में बेचकर बड़ा मुनाफा कमाते थे। 1917 में महात्मा गाँधी द्वारा चलाए गए नील आंदोलन के बाद अंग्रेजों का नील उत्पाद से होने वाला मुनाफा काफी कम हो गया, जिसके कारण चम्पारण में बसे तकरीबन सभी अंग्रेज जमींदारों ने अपनी जमीन बेच दी और इंग्लैंड वापस चले गए। नील उत्पादन के काल में भारतीय समाज की राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं औद्योगिक स्थिति एवं परिवेश का वर्णन इस पुस्तक में एक अंग्रेज रॉबर्ट परिवार के उत्थान-पतन एवं इंग्लैंड जाकर पुनः भारत वापसी की कहानी के माध्यम से किया गया है। जैक रोबट लंदन का एक अपराधी प्रवृत्ति का दबा विक्रता या तथा दया के दुरुपयोग से उसने कई लोगों की हत्या कर दी थी और उनके धन लूट लिए थे। पुस्तक के लेखक शम्भू प्रसाद सिंह का जन्म 20.12.1948 को बिहार प्रांत के पूर्वी चम्पारण जिले का मच्छरगानों ग्राम में हुआ था। इन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री बिहार विश्वविद्यालय के एम.आई.टी. से 1971-72 में हासिल की तथा उसी वर्ष सितम्बर में सेल बोकारो स्टील प्लांट में नौकरी शुरू की तथा स्टील प्लांट के विभिन्न संकायों एवं इकाइयों में सफलतापूर्वक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए दिसम्बर 2008 में सेवानिवृत्त हुए तथा झारखंड प्रांत के बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर 12-बी में स्थायी रूप से निवास कर रहे हैं। इन्होंने हिंदी एवं अंग्रेजी में कई पुस्तकों की रचना की है। 'नालंदा से सोमनाथ तक', 'कुमारिल का आत्मदाह एवं झारखंड के 5000 वर्ष' इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।  
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    उपन्यास 'आंसुओं के बिना जिंदगी' में जीवन के उन अनछुए पहलुओं को सहेजने की कोशिश की गयी है, जो समाज में लोगों के सामने आ खड़े होते हैं। ऐसे समय में निजी स्वार्थ और सुख के लिये लोग समाज एवं परिवार के प्रति अपने दायित्वों को दरकिनार कर देते हैं। ओछी मानसिकता इतनी संकीर्ण हो जाती है कि उन्हें सिर्फ अपने बच्चे और एकल परिवार की ही चिंता रहती है। पारिवारिक रिश्तों की मिठास और कड़वाहट को भी दिखाने का प्रयास किया गया है। ऐसे में कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जो सकारात्मक सोच के साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हैं। उपन्यास में किरदारों को इतना सहज और प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया है कि वे पाठक के दिलो-दिमाग पर अपनी छाप छोड़ने में सफल हो सकें। संतोष प्रसाद जी बिहार के गोपालगंज के एक छोटे से गांव बेलवां के किसान परिवार से संबंध रखते हैं। इनमें जिंदगी में अभावों का सामना करते हुए भी साहित्य व मनोरंजन के क्षेत्र में कुछ करने की ललक है। अपने दादाजी के सद्विचारों को लोगों के सामने लाने की सोच हमेशा उन्हें प्रेरित करती रही। वर्तमान में वे राजधानी दिल्ली में जाने-माने व्यवसायी के रूप में स्थापित हो चुके हैं। आज भी उन्हें अपने गांव की अभावों और असुविधा भरी जिंदगी के पल याद हैं। पढ़ने के लिए उनके गांव में अच्छे स्कूल व कॉलेज नहीं थे। दिल्ली आकर उन्होंने आगे बढ़ने के लिए कोरियाई भाषा सीखी और आज 'हेल्थ एंड फिटनेस' व 'मीडिया' के फील्ड में अच्छा-खासा नाम कमा चुके हैं।
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    आचार्य अजय देवऋषी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिंदी) व एम.बी.ए. (फाइनेंस) की डिग्री प्राप्त की है। प्राइवेट सेक्टर में विभिन्न पदों पर कार्य करते हए भी आचार्य देवऋषी एक कवि के रूप में निरंतर लेखन कार्य में सक्रिय बने रहे तथा पिछले 15 वर्षों से प्राचीन भारतीय शास्त्रों जैसे-ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र व फेंग-शुई आदि के शोध कार्य में संलग्न रहे एवं इसी शोध कार्य पर लिखी एक पुस्तक "ज्योतिषः प्रेम-संबंध एवं वैवाहिक जीवन" के नाम से पाठकों के बीच आने के लिए तैयार है। लेखक 'अजय देवऋषी' हमेशा धार्मिक व सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं। इनकी प्रेम, जिंदगी, प्रकृति, धर्म, राजनीति और एहसास जैसे विषयों पर लिखी गई कविताओं को सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर काफी प्रशंसा प्राप्त हुई है। पाठकों से मिले अपार प्रेम व प्रोत्साहन ने ही इन्हें जिंदगी के विभिन्न रंगों को अपनी पुस्तक "दीवानगी की मधुशाला" के माध्यम से पाठकों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया है। सतपाल "शिवोहम" ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. करने के पश्चात् एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की और पिछले 12 वर्षों से वकालत के पेशे में कार्यरत हैं। ये वकालत के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। सामाजिक कार्यों में सतत् योगदान की वजह से ही ये लोगों में बहुत लोकप्रिय हैं। इसके अतिरिक्त पिछले कई वर्षों से ये लेखन कार्य में भी सक्रिय हैं। लोगों ने इनकी कविताओं को काफी सराहा है। इन्होंने भी अपने पाठकों के स्नेह को कविताओं में बाँधकर अपनी पुस्तक "दीवानगी की मधुशाला" के माध्यम से जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करने का एक प्रयास किया है।
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    'लव जिहाद ...एक चिडिया'-धर्म और राजनीति की जंजीरों में जकड़ी हुई एक प्रेम कथा है, जिसमें सोनिया और साहिल का जब सच्चाई से सामना होता है, तो वे दोनों अपने आपको एक ऐसे मझधार में फंसा पाते है, जहाँ से निकल पाना नामुमकिन है। दोनों को अपने प्यार के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। 'प्यार' सिर्फ दिल देखता है, उसे किसी भी धर्म और समाज से कुछ लेना-देना नहीं होता। मगर, अफसोस सिर्फ इस बात का है कि 'कुछ गुमराह लोग' - जिने न तो धर्म का, न समाज का और न ही प्यार का सही-सही अर्थ पता है, समाज में बहुत मामूली-सी संख्या में होते हुए भी नासर की तरह फैले हुए है, जिनकी वजह से सभी को शर्मिदा होना पड़ता है। लव जिहाद को अलग ही अर्थों में बयान करती - 'सोनिया और साहिल' के सच्चे प्यार की यह कहानी - जो एक ओर तो दो प्रेमियों की विवशताओं को बयान करती है, वहीं दूसरी ओर समाज की दकियानूसी सोच पर चोट भी करती है। यह कहानी अपने अंत में आपको इसके भयावह परिणामों और कारणों पर सोचने के लिए विवश कर देगी। राम 'पुजारी' • दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक। • लेखन के अलावा धार्मिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता। • 10 वर्षों से अधिक कंप्यूटर हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर का अध्यापन एवं प्रशिक्षण का कार्य किया। • दिल्ली की एक प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाई में सीनियर मैनेजर एवं कन्सल्टेंट के पद पर कार्यरत। • योग प्रशिक्षका पुरस्कार प्राप्ति- इनके उपन्यास 'अधूरा इंसाफ...एक और दामिनी' के लिए। राजधानी रतन 2016 से पुरस्कृत किया गया है।  
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    Life Without Tears: A Truth About Precious Relationships

    Original price was: ₹177.00.Current price is: ₹159.00.
    Efforts have been made to preserve those usually untouched aspects of life in 'Life without Tears', which pose their presence in front of people in society. People tend to ignore their responsibilities towards elders in their family and society. The mentality of the people of today has become so narrow that they worry only about their children and in a sense, the nuclear family. In this fiction, relationships have been so woven into the whole theme that the reader attaches directly to the characters. An attempt has been made to depict the sweetness and bitterness in family relationships. In a situation like this, there are undoubtedly some people, with a positive approach, who dedicate themselves well to society in discharging their responsibilities towards it. A sincere effort has been made to make the characters intuitive and effective in the novel. They will be able to leave their indelible mark on the hearts of the readers. I got the motivation for writing this novel from my grandfather, who would always emphasize the charm in 'living for others'. Santosh Prasad relates to a farmer's family in the Belvan village of Gopalganj in Bihar. In the face of many inadequacies in life, he is in possession of a tendency to do something in the field of literature and entertainment. The thought of bringing up his grandfather's thoughts in front of people always kept him motivated. After studying and graduating from Bihar, he came over to Delhi to make his future golden, struggled a lot here but ultimately succeeded. Presently, he has established himself as a well-known businessman in the National Capital Delhi. Even today, he remembers the moments of inadequacies and inconveniences he experienced in his village. His village was devoid of good schools and colleges. He came to Delhi and learned the Korean language to move ahead and today has earned a good name in the field of 'Health and Fitness and Media'.