जीवन की कड़वी सच्चाई से समाज के प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन, हर पल सामना करना पड़ता है। अच्छाई के जीवन की कड़वी सच्चाई से समाज के प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन, हर पल सामना करना पड़ता है। अच्छाई के जीवन की कड़वी सच्चाई से समाज के प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन, हर पल सामना करना पड़ता है। अच्छाई के बदले अच्छाई और बुराई के बदले बुराई मिलनी तय है। यही बात मोहब्बत करने वाले पर भी लागू होती है। यदि मोहब्बत दिल से की गई हो तो उसका सच सुकूनदायक होगा ही। इसके विपरीत छल-कपट भरी मोहब्बत का सच तो मन में कड़वाहट उत्पन्न करेगा ही। मोहब्बत चाहे धरती का आसमान से हो, धूप का किरणों से हो, भंवरे का फूल से हो या पुरुष का स्त्री से, हर एक को सुख-दुख की तरंगों को आत्मसात करना ही होता है। यह पुस्तक अनेक विचारों की मोहक सुगंध से पाठकों के मन को सराबोर करती है। हर पंक्तियाँ दिल के तारों को झंकृत करती हैं, दिल में जैसे खुशियों के बादल उमड़ने-घुमड़ने लगते हैं, प्यासा मन तृप्त हो उठता है। यही तो है 'मोहब्बत -ए- सच' पुस्तक में, जिसे आप पढ़ना चाहेंगे बार-बार, हर समय, हर परिस्थिति में और अपने मन को दे सकेंगे सुकून के स्वर्णिम पल।

वंदना गिरधर- जन्मः 11 जुलाई 1971 को दिल्ली में। शिक्षाः बी.ए. (ऑनर्स) हिंदी, दिल्ली विश्वविद्यालय। स्नातक की डिग्री प्राप्त कर माता-पिता द्वारा विवाह करने के पश्चात् एक कुशल गृहिणी के रूप में परिवार की सभी मान-मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए खुशहाल जीवन की प्राप्तिा हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं पर आपका विशेष अधिकार है।