किसी के सुख की, किसी के दुःख की, किसी की साँसें, धड़कन की।

जीवन की धूप-छाँव, उतार-चढ़ाव प्रतिबिम्ब पुस्तक।।
कुछ बातों ने, कुछ लोगों ने, कुछ समस्याओं ने दी दस्तक।
मेरे शब्दों में आकर के, बनी है मेरी ये पुस्तक।।
सुस्वागतम, सुअभिनन्दन, मेरी रचनाएँ जीवन दर्शन।
मेरी रूह के अहसासों से, लिखी है मैंने ये पुस्तक।।

जब भी कोई लेखक अपनी लेखनी उठाता है, तो कागज पर उतरने वाले प्रत्येक कथानक में उसके जीवन के अनुभव अपने आप अपना स्वरूप धारण करने लगते हैं। प्रस्तुत पुस्तक ‘रूह से‘ भी लेखिका के जीवन के अनुभवों का एक जीता-जागता दस्तावेज है। लेखिका के अनुसार इस पुस्तक के कुछ अंशों को छोड़कर शेष सभी घटनाएँ व पात्र काल्पनिक हैं। यह पुस्तक निश्चित रूप से कहीं न कहीं आपके जीवन को स्पर्श करती हुई सी प्रतीत होगी।

इस पुस्तक की लेखिका नीलम रानी गुप्ता का जन्म 2 अक्टूबर 1968 को दनकौर (नौएडा) में श्री हरिओम गुप्ता श्रीमती कमला रानी के घर हुआ था। इन्होंने आगरा कॉलेज, आगरा से जन्तु विज्ञान में एम.एस.सी. की उपाधि प्राप्त की है। लेखन के क्षेत्र में प्रस्तुत कहानी संग्रह ‘रूह से’ इनकी प्रथम रचना है। इनके दादाजी श्री गोकल चन्द, निवासी दनकौर (नौएडा) इनके मूल प्रेरणा स्रोत रहे हैं तथा अपनी यह पुस्तक इन्होंने अपने दादाजी को ही समर्पित की है।

Product Details

Book:रूह से… (Rooh Se…): एक ऐसा काव्य संग्रह जो आपके जीवन के अनछुए पहलू से आपको बार-बार रू-ब-रू कराएगा।

Author:नीलम रानी गुप्ता

ISBN:978-93-86276-15-5

Binding:Paperback

Publisher:Pendown Press Powered by Gullybaba Publishing House Pvt. Ltd.

Number of Pages:108

Language:Hindi

Edition:First Edition

Publishing Year:2017

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