Description
“आपका अवचेतन मन या दूसरे शब्दों में कहें तो आपकी आत्मा ज्ञान का भंडार है। अपनी आत्मा से संपर्क करके आप हर उस चीज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिसकी हमें कभी भी और कहीं भी जरूरत होती है। आप जीवन में भरपूर समृद्धि और आनंद प्राप्त करने के लिए प्रमुखता से अधिकारी हैं और आप इसे सहजता से प्राप्त भी कर सकते हैं।”
डॉ.मुरारीलाल त्यागी की कृतियाँ आज सबसे अधिक लोकप्रिय और सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली कृतियों में शामिल हैं। उनके द्वारा लिखित बैरिस्टर, ऊँची दीवार, म्लानमना, विदाई,बीमार कौन, दुःखान्त, संकल्पजयी, एक कदम और, वह कोई और, नया डायरेक्टर, मन उदास क्यों, बदलती लकीरें, हीरे मोती (संपादित), नई तालीम (नाटक), प्यारे बच्चों (नैतिक शिक्षा), सामाजिक सन्त पं. तिलकराज शर्मा, चिन्ता से चिन्तन तक आदि पुस्तकें बहुत लोकप्रिय रही हैं। वे गत 60 वर्षों से ‘प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं तथा ज्ञान में चल रहे हैं और धारणा युक्त जीवन जी रहे हैं। उनकी वर्तमान उम्र 87 वर्ष से भी अधिक है।
वे गत 55 वर्ष से ‘कल्पान्त’ मासिक भी प्रकाशित कर रहे हैं जिसमें कवि, साहित्यकार, समीक्षक एवं अन्य विद्वानों की चर्चा की जाती है। यह कृति हमें सिखाती है- सुखी जीवन के चमत्कारिक रहस्य – तन-मन और धन के साथ आत्मिक शांति पाने का सहज और अचूक दिव्य ज्ञान, समस्याओं, निराशा, चिंता, आलोचना और व्याधियों से छूटकर समृद्धि एवं खुशियाँ पाने के सरल सूत्र।
सत्प्रेरणा से परिपूर्ण एवं जीवन को आनंदमय बनाने का सतत् प्रवाह प्राप्त करने के लिए ‘मेरा’ सुख ‘किसके हाथ प्रसिद्ध मनीषी एवं आध्यात्मिक वक्ता डॉ. मुरारी लाल त्यागी जी द्वारा दिए गए मर्मस्पर्शी सवालों के अनुभवसिद्ध जवाबों का अनुसरण अवश्य करें।