Description
जिनसे गुजरे बिना किसी भी भारतीय नारी की जीवन यात्रा पूर्ण नहीं होती। इन कविताओं में जहाँ बचपन में भाइयों के प्यार और दुलार की यादों को समेटा गया है तो वहीं बड़े होने पर दिल में किसी के आ बसने की आहट तथा उससे जडे सपनों को वाणी प्रदान की गई है। फिर किसी के साथ उम्र भर का रिश्ता जड़ने का क्षण, बाबुल के घर से विदाई की घड़ियाँ तथा पालने में नए मेहमान के आगमन की खुशी जैसी विविध नारी सहज भावनाओं को कवयित्री ने अत्यंत सुंदर अभिव्यक्ति प्रदान की है। इसके साथ ही उनकी कलम ईश्वर के अस्तित्व जैसे रहस्यवादी विषय की ओर भी बढ़ी है। भाषा और भावनाओं की सरलता का आलम यह है कि पाठक उनसे पूर्ण तल्लीनता स्थापित कर कह उठता है कि ये तो मेरे ही मन के भाव हैं। निश्चय ही यह काव्य संग्रह आज के यांत्रिक जीवन में तपती गर्मी में बारिश की फुहारों का सा अहसास प्रदान करेगा।
आरती मित्तल – जन्म: 30 मार्च 1984 शिक्षा-मैंने बी.ए. (ऑनर्स) अंग्रेजी, दिल्ली विश्वविद्यालय से की है व एक कुशल गृहिणी हैं। मैं एक संयुक्त परिवार में पैदा हई तथा जीवन को प्रभ की कृपा समझकर जिया है और हर राह में उसे अपने साथ पया है। माता-पित से प्राप्त हर संस्कार को शिरोधार्य कर, मैंने जीवन के सफर में अपना कदम बढ़ाया है। विवाह के उपरांत जीवन-साथी के सहयोग से मैं अपने सपनों को रंग देने में सफल हुई हूँ।