पवित्र शक्ति पीठ की पावन भूमि के दर्शन मात्र से आपके सभी मनोविकार क्षण भर में मिट जाते हैं| प्रस्तुत पुस्तक में 52 शक्तिपीठों का विस्तृत वर्णन है जिसे पढ़कर आप भक्ति और आनंद से सराबोर हो जायेंगे| प्रस्तुत पुस्तक में हर शक्तिपीठ स्थल को व्यापक भ्रमण एवं शोध के बाद वर्णित किया गया है, जो देवी शक्ति के उन प्राचीन स्थलों को उजागर करता है, जहाँ आपको देवी शक्ति की साधना से ऐसी अद्भुत शक्ति एवं शांति की प्राप्ति होती है जो अन्यत्र दुर्लभ है। इसका आत्मिक अनुभव आप इस पुस्तक में वर्णित विभिन्न शक्तिपीठ स्थलों की धार्मिक यात्रा में सहज ही महसूस करेंगे। वास्तव में आपको शांति एवं शक्ति के दिव्य संयोजन की दुर्लभ प्राप्ति से युक्त धार्मिक यात्रा के परम आनंद की आत्मानुभूति होगी।
इस पुस्तक की मूल भावना आपको धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से शक्तिपीठों से सम्बंधित विभिन्न मान्यताओं एवं भौगोलिक वस्तुस्थिति से अवगत कराना है जहाँ पहुँच कर आपको देवी शक्ति के गिरे अंगों एवं आभूषणों के समान ही ओज एवं असीम शक्ति का वरदान प्राप्त हो सके। शक्तिस्वरूपा जगदम्बा के दिव्य स्थलों की यह चमत्कारिक धार्मिक यात्रा आपके हर सपने को साकार एवं आपकी हर मनचाही मुराद को पूरा करेगी।
प्रस्तुत पुस्तक के लेखक श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी मूलतः script writer एवं गीतकार हैं। शौकिया तौर पर ये गायन भी करते हैं। ये हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली की एक नई विधा ‘फिल्म–पटकथा लेखन’ का सूत्रपात करने को कृत संकल्प हैं।
पर्यटन प्रशासन एवं प्रबंधन में UGC–Net उत्तीर्ण श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी ने CSJM कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर से tourism management में MBA तथा लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से Mass Communication में स्नातकोत्तर की उपाधियाँ अर्जित की हैं।
श्री चंद्रेश विमला त्रिपाठी द्वारा हिंदी में लिखित धार्मिक पर्यटन पर आधारित पुस्तक “शक्तिपीठ” अत्यंत प्रशंसित, चर्चित एवं लोकप्रिय रही है।
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