Description
मधुमेह‘ के प्रमुख कारण और लक्षण क्या हैं?
क्या यह एक आनुवांशिक बीमारी है ?
क्या इस बीमारी का हमारी सोच से भी कोई सम्बन्ध है?
क्या मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को मीठे फल नहीं खाना चाहिए?
क्या इस बीमारी का इलाज संभव है? और यदि हाँ, तो उसकी विधि क्या है?
प्रस्तुत पुस्तक इन सभी प्रश्नों के सटीक एवं प्रामाणिक उत्तर देने के साथ साथ इस विषय से संबंधित संपूर्ण जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराती है।
आज सम्पूर्ण मानव समुदाय मधुमेह रूपी महादानव की भयावहता से त्रस्त है। यह रोग मुख्यतः अनुचित जीवन शैली एवं दोषपूर्ण आहार सेवन का दुष्परिणाम है। मानसिक तनाव इस रोग में उत्प्रेरक का कार्य करता है।
इस बीमारी के इलाज के लिए एक बहुआयामी चिकित्सा पद्धति को अपनाना आवश्यक है। इस पुस्तक में मधुमेह मुक्त जीवन जीने के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और योग के साथ साथ ‘ बैच फ्लावर रेमेडीज‘ के माध्यम से उपचार करने की विधि को भी प्रस्तुत किया गया है जो अति प्रभावी एवं किसी प्रकार के साइड इफेक्ट से रहित है।
इस पुस्तक में दर्पण अभ्यास पर भी प्रकाश डाला गया है जो आपको अपने अंदर मनुष्य के रूप में पूर्णता का अनुभव प्रदान करेगा ।
यह पुस्तक उन सभी लोगों के लिए वरदान साबित होगी जो इस रोग से ग्रसित हैं अथवा जो इस रोग के चंगुल में फंसना ही नहीं चाहते।
लेखक परिचयप्रस्तुत पुस्तक चार विद्वानों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इनमें से डा भगवान सहाय शर्मा राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर से बी. ए. एम. एस.,एम. डी. एवं पीएचडी की उपाधि से अलंकृत हैं। वर्तमान में वे आयुर्वेद एवं यूनानी ‘‘तिब्बिया कालेज एवं अस्पताल‘‘ में सह-आचार्य एवं बाल-रोग विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
डा अजय गुप्ता ने नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, दिल्ली से B-H-M-S और पंजाब से MD(HORN.) की उपाधि प्राप्त की। पिछले 25 वर्षों से वे शालीमार बाग (दिल्ली)में होम्योपैथिक विशेषज्ञ के रूप में लाखों मरीजों के असाध्य रोगों का सफल उपचार कर चुके हैं।
डा रमेश कुमार योग की अप्रतिम प्रतिभा से सम्पन्न हैं । वे ‘‘ वैदिक योगः सिद्धांत एवं साधना‘‘ विषय पर ‘विद्यावारिधि‘ पीएच.डी. उपाधि से विभूषित हैं। वर्ष 2000/2003 में उनहोंने विश्व चौम्पियन बनकर विश्व पटल पर भारत का गौरव बढाया।
श्री दिनेश वर्मा, गुल्लीबाबा पब्लिशिंग हाउस के निदेशक, प्रख्यात लेखक एवं समर्पित समाज सेवी हैं। वे ठंबी ब्मदजतम न्ज्ञ ब्मतजपपिमक च्तंबजपजपवदमत भी हैं।
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