हमारे जीवन में घटित हो रही प्रत्येक घटनाएँ बाद में चलकर कहानी बन जाती है। कुछ घटनाएँ निखरते हैं, कुछ बिखरते हैं, कुछ प्यासे और कुछ अधूरे और उज्जवल होकर उजाला कर जाते हैं और उन्हीं से परिपूर्ण होकर अद्भुत और अदृश्य कहलाते हैं। कुछ घटनाएँ जहाँ हमारी आँखों को नम कर जाती हैं वहीं कुछ हमें मुस्कुराती छोड़ जाती हैं। अतीत की कुछ बातें हमारे मन को छू जाती हैं तो कुछ हमारे मन को उदास कर जाती हैं। वे बातें जो हमारे मन को छू जाती हैं वही कहलाता है ‘मुस्कुराता  सच’ और इसी सच को लेखिका ने बड़े ही सारगर्भिक और प्रभावी तरीके से पाठकों के समक्ष रखा है। यह पुस्तक पाठकों को कुछ सोचने पर विवश करता है, कुछ विशेष कर पाने की प्रेरणा देता है।

इस पुस्तक के अध्ययन से आप जीवन के अनगिनत सच से रू-ब-रू होंगे। पुस्तक की पंक्तियाँ आपके मन में खुशियों के बाग़ लगा देगी, आपके अशांत मन को आनंदित कर देगी और आपके चंचल मन को मंझधार में डूबने से बचाएगी।

इस पुस्तक में लिखी गयी अनमोल बातें आपके हर अनुत्तरित सवाल का समीचीन जवाब देगी, आपको आनंद विभोर करेगी, आपके मन को गुदगुदाएगी और दिल के मंदिर में मधुर संगीत के स्वरों को गुंजायमान करेंगी।

इस पुस्तक की लेखिका वंदना गिरिधर जी दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक हैं। स्नातक की डिग्री प्राप्त कर ये परिणय सूत्र में बंधी और फिर एक कुशल गृहणी के रूप में परिवार की मान मर्यादाओं को संजोते हुए खुशहाल जीवन की प्राप्ति की। लेखिका का हिंदी व् अंग्रेजी भाषाओं पर सामान अधिकार है।

वंदना गिरिधर जी की यह पुस्तक आपको अंत तक बांधे रखेगी और आपके मन को खुशियों से सराबोर करेगी। यह पुस्तक हमारी अपनी वेबसाइट के साथ-साथ अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि ई -कॉमर्स पॉर्टल पर भी उपलब्ध है। आज ही अपनी प्रति सुरक्षित कर लें।

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मुस्कुराता सच (Muskurata Sach)
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